RBI के दायरे में आएंगी सीमापार भुगतान को सुगम बनाने वाली इकाइयां

RBI
प्रतिरूप फोटो
ANI

इसमें कहा गया है, ‘‘सीमापार भुगतान के क्षेत्र में हो रही गतिविधियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि वस्तुओं और सेवाओं के आयात और निर्यात के लिये सीमापार भुगतान को सुगम बनाने वाली सभी इकाइयों उसके नियमन के दायरे में आएंगी।

भारतीय रिजर्व बैंक वस्तुओं और सेवाओं के आयात और निर्यात के लिये सीमापार भुगतान को सुगम बनाने वाली सभी इकाइयों को अपने नियमन के दायरे में ले आया है। आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा कि केंद्रीय बैंक ने भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम के तहत ऑनलाइन सीमापार निर्यात/आयात लेनदेन के लिए भुगतान तथा निपटान की सुविधा देने वाली इकाइयों को भुगतान ‘एग्रीगेटर्स’ - सीमापार (पीए-सीबी) के रूप में अपने नियमन के दायरे में लाने का निर्णय लिया है।

इसमें कहा गया है, ‘‘सीमापार भुगतान के क्षेत्र में हो रही गतिविधियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि वस्तुओं और सेवाओं के आयात और निर्यात के लिये सीमापार भुगतान को सुगम बनाने वाली सभी इकाइयों उसके नियमन के दायरे में आएंगी।

आरबीआई ने कहा कि ऐसी इकाइयां भुगतान ‘एग्रीगेटर्स’ - सीमापार (पीए-सीबी) कहलाएंगी। परिपत्र के अनुसार पीए-सीबी सेवाएं प्रदान करने वाले गैर-बैंकों का मंजूरी के लिए आरबीआई को आवेदन जमा करते समय न्यूनतम नेटवर्थ 15 करोड़ रुपये और 31 मार्च, 2026 तक न्यूनतम नेटवर्थ 25 करोड़ रुपये होना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


All the updates here:

अन्य न्यूज़