समानता, न्याय का वास्ता! राहुल गांधी ने याद दिलाया संविधान का 'पवित्र वादा', देशवासियों से की अपील

Rahul Gandhi
ANI
अंकित सिंह । Nov 26 2025 12:01PM

राहुल गांधी ने संविधान दिवस पर इसे समानता और न्याय का पवित्र वादा बताया, जो हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करता है। उन्होंने संविधान पर किसी भी हमले के खिलाफ खड़े रहने का संकल्प लिया, वहीं कांग्रेस नेता उदित राज ने सत्तारूढ़ शासन पर संविधान को तोड़ने का आरोप लगाया।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को संविधान दिवस पर जनता को शुभकामनाएं दीं और समानता और न्याय के सिद्धांतों का ज़िक्र किया। एक पोस्ट में, राहुल गांधी ने कहा कि संविधान सिर्फ़ एक किताब नहीं, बल्कि देश के नागरिकों से किया गया एक पवित्र वादा है। इसके अलावा, उन्होंने भारत के लोगों से संविधान पर किसी भी हमले को न होने देने का संकल्प लेने को कहा। गांधी ने पोस्ट में लिखा कि भारत का संविधान सिर्फ़ एक किताब नहीं है; यह देश के प्रत्येक नागरिक से किया गया एक पवित्र वादा है। एक वादा कि चाहे कोई किसी भी धर्म या जाति का हो, किसी भी क्षेत्र से आता हो, कोई भी भाषा बोलता हो, गरीब हो या अमीर, उसे समानता, सम्मान और न्याय मिलेगा। संविधान गरीबों और वंचितों के लिए एक सुरक्षा कवच है; यह उनकी ताकत है, और यह हर नागरिक की आवाज़ है।

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कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि जब तक संविधान सुरक्षित है, हर भारतीय के अधिकार सुरक्षित हैं। आइए हम संकल्प लें कि हम संविधान पर किसी भी तरह का हमला नहीं होने देंगे। इसकी रक्षा करना मेरा कर्तव्य है और इस पर होने वाले हर हमले के खिलाफ मैं सबसे पहले खड़ा रहूँगा। संविधान दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। जय हिंद, जय संविधान। 

इस बीच, कांग्रेस नेता उदित राज ने सत्तारूढ़ शासन पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि संविधान "आज टुकड़े-टुकड़े हो रहा है।" उन्होंने कहा, "हम संविधान पर हमला नहीं होने देंगे। यह याद रखना चाहिए कि आज संविधान के टुकड़े-टुकड़े हो रहे हैं।" 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए राज ने कहा, "आतंकवादी हमले कभी भी हो सकते हैं और संविधान विरोधी तत्व हमला करने से पहले संविधान दिवस नहीं देखते। वह भी संविधान पर हमला था। मैं शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।"

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26 नवंबर, 1949 को भारतीय संविधान सभा ने औपचारिक रूप से संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। यह दिन केंद्र सरकार द्वारा लोकतंत्र, न्याय और समानता के सिद्धांतों के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। कांग्रेस ने अपनी सभी राज्य इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे 26 नवंबर को देश भर में प्रदेश कांग्रेस समितियों (पीसीसी) कार्यालयों और जिला मुख्यालयों पर 'संविधान बचाओ दिवस' के रूप में मनाएं।

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