उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: सीएम योगी बोले- हर आंगनबाड़ी का होगा अपना भवन, प्री-प्राइमरी के रूप में मिलेगी

Yogi Adityanath

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को 1,23,000 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को स्मार्टफोन और 1,87,000 आंगनबाड़ी केंद्रों को इंफेंटोमीटर वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ कर रहे थे।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्मार्ट आंगनबाड़ी को बच्चों के सर्वांगीण विकास की नींव बताया है। उन्होंने कहा है कि साढ़े चार साल पहले तक महज धरना-प्रदर्शन के लिए पहचानी जाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां आज पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ बच्चों के पोषण और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को स्मार्टफोन और आंगनबाड़ी केंद्रों को इंफेंटोमीटर प्रदान करते हुए सीएम ने कहा कि तकनीक से जुड़कर आंगनबाड़ी बहनें स्मार्ट होंगी। हर बच्चे के स्वास्थ्य की स्वास्थ्य की सीधी जानकारी मिलेगी। दैनिक कामकाज आसान होगा और काम में पारदर्शिता आएगी। 

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को 1,23,000 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को स्मार्टफोन और 1,87,000 आंगनबाड़ी केंद्रों को इंफेंटोमीटर वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ कर रहे थे। लोकभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सीएम के हाथों 20 कार्यकर्त्रियों को स्मार्टफोन मिला, जबकि 10 बहनों को वृद्धि निगरानी यंत्र (ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस) प्रदान किया गया। वहीं, जिलों में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा वितरण किया गया।

इंसेफेलाइटिस उन्मूलन और कोरोना नियंत्रण में आंगनबाड़ी बहनों की भूमिका अभिनंदनीय

सीएम ने कोरोना नियंत्रण में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की प्रभावी भूमिका को भी सराहा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान इन बहनों ने घर-घर जाकर लोगों को राशन पहुंचाया, दवाइयां दिन, बीमार लोगों के टेस्ट कराये। यह असाधारण काम था। तब, जबकि सम्पन्न लोग घरों में बैठे थे, तब हमारी आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम बहनें फील्ड में थीं। अपनी निष्ठा और काम से कार्यकर्त्रियों ने लोगों की धारणा को बदला है। वहीं, इंसेफेलाइटिस बीमारी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 1977 से 1997 तक किसी ने भी मासूमों की सुध नहीं ली। गोरखपुर-बस्ती मंडल के अस्पतालों में एक बेड पर चार-चार बच्चों का इलाज होता था। किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया। 2017 में हमारी सरकार आने के बाद हमने इसके खात्मे के लिए काम किया। यह आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री बहनें ही थीं जिन्होंने 'दस्तक अभियान" को सफल बनाया। आज अगर इंसेफेलाइटिस से मौत को 95-97 फीसदी तक काबू कर यूपी इंसेफेलाइटिस उन्मूलन की कहानी लिख रहा है तो इसका बड़ा श्रेय आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को दिया जाना चाहिए। योगी ने कहा कि एक समय आंगनबाड़ी "पंजीरी" भ्रष्टाचार के लिए बदनाम था। यह शासन की छवि तो खराब करता ही था, आंगनबाड़ियों पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता था। हमने इस संबंध में कोशिश की और आज गर्भवती/धात्री महिलाओं की सेहत के अनुसार उपयोगी पोषण आहार जिले में ही तैयार हो रहा है। 

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गुड गवर्नेंस के लिए उपयोगी है ई-गवर्नेंस: स्वाति सिंह

महिला, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की मंत्री स्वाति सिंह ने स्मार्टफोन वितरण को ई-गवर्नेंस का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी गुड गवर्नेंस के लिए संकल्पित हैं और गुड गवर्नेंस के लिए ई-गवर्नेंस बड़ा उपयोगी माध्यम है। विभागीय मंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों/सहायिकाओं के मानदेय बढ़ोतरी के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार भी जताया।

कामकाज होगा आसान-बढ़ेगी पारदर्शिता:

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को मिले 03 जीबी रैम और 32 जीबी इंटरनल मेमोरी की क्षमता वाला 6.3 इंच स्क्रीन साइज के एंड्रॉयड आधारित इस स्मार्टफोन में "मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट (एमडीएम)" सॉफ्टवेयर है।

स्मार्टफोन पर विभागीय कार्यक्रमों से संबंधित वीडियो संदेश, डाक्यूमेंट्स, प्रचार सामग्री आदि सीधे राज्य स्तर से प्रसारित किया जा सकता है।

स्मार्टफोन में अपलोडेड पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री विभागीय दैनिक कार्यों की प्रविष्टियां अंकित करेंगी तथा इसका उपयोग गृह भ्रमण/परामर्श के लिए आईईसी के रूप में भी कर सकेंगी।

पोषण ट्रैकर डैश बोर्ड पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री की फीडिंग दिखाई देगी, जिससे विभाग द्वारा दी जाने वाली सेवाओं कार्यों का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन किया जा सकेगा।

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री इस मोबाइल डिवाइस एवं पोषण ट्रैकर एप की सहायता से अपने आंगनबाड़ी केंद्र के दैनिक कार्यों का कुशल प्रबंधन इन संचालन कर सकेंगी।

लाभार्थी के डाटा फीडिंग के साथ-साथ उन्हें दी जाने वाली सभी सेवाओं का विवरण स्मार्टफोन पर फीडिंग के आधार पर स्टंटिंग, वेस्टिंग, अल्पवजन तथा कुपोषण के विभिन्न मानकों का नियमित अनुश्रवण किया जा सकेगा। 

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साढ़े 4 साल के कार्य में पर्यटन को लगाए पंख, दोगुना किया बजट

योगी सरकार ने पिछले साढे 4 सालों में पर्यटन के विकास को नये पंख दिये हैं। पर्यटन के बजट में दोगुनी वृद्धि के साथ यूपी ने देसी पर्यटकों को लुभाने में देश में पहला स्थान भी पाया है। यही नहीं विदेशी पर्यटकों का रुझान भी प्रदेश की ओर बढ़ा है। आध्यात्मिक, सामाजिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलियों की दृष्टि से यूपी ने देश में ही नहीं दुनिया में अपनी नई पहचान बनायी है।

यूपी में पर्यटन स्थल, आस्था के केंद्र, आजादी की लड़ाई से जुड़े महत्वपूर्ण स्थल, स्मारक, किले और पर्यटन स्थल हैं जो दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। भाजपा के लोक कल्याण पत्र में किये गये वादों को पूरा करते हुये प्रदेश में सबसे पहले सरकार ने तीर्थ स्थलों का विकास शुरू किया। यह पहला मौका था जब काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर पर काम शुरू हुआ। ब्रज क्षेत्र में महाभारत सर्किट, कपिलवस्तु, कुशीनगर, श्रावस्ती में बौद्ध सर्किट, चित्रकूट, अयोध्या एवं श्रृंगवेरपुर में रामायण सर्किट के रूप में विकसित किया गया। इससे वहां के उत्पादों को बढ़ावा मिला, रोजगार के अवसर बढ़े और नगरों का विकास हुआ। पर्यटकों को पहले से अधिक बेहतर सुविधाएं मिलने लगीं। इतना ही नहीं सरकार ने पर्यटन के साथ संस्कृति और धार्मिकता को महत्व दिया। प्रदेश में पहली बार मथुरा में कृष्णोत्सव, बरसाना में रंगोत्सव, वाराणसी में भव्य देव दीपावली के आयोजनों ने पर्यटकों का मन मोह लिया। वाराणसी में क्रूज, गोरखपुर के रामगढ़ताल में वाटर स्पोर्ट्स, पीलीभीत टाइगर रिजर्व तथा चन्दौली में देवदरी, राजदरी वाटरफॉल का विकास ने पर्यटन को नए आयाम दिए। 

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लोक कल्याण संकल्प पत्र 2017 में किये गये वादे

मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, प्रयाग, विंध्याचल, नैमिषारण्य, चित्रकूट, कुशीनगर और सर्किट, बुद्ध वाराणसी आदि में सांस्कृतिक पर्यटन सुविधाओं का विकास कर प्रदेश में सांस्कृतिक पर्यटन सर्किट बनाये जाएंगे, जैसे राम सर्किट, कृष्ण सर्किट आदि

पर्यटकों की जानकारी, बुकिंग सहायता आदि के लिए एक समर्पित 24X7 राज्य पर्यटन हेल्पलाइन की स्थापना की जाएगी

सभी तीर्थ स्थलों को 4 लेन राजमार्ग के साथ जोड़ा जाएगा।

पिछले साढे चार सालों में योगी सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र में किये गये कार्य

काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का विकास।

अविरल और निर्मल गंगा के प्रति जन जागरूकता के लिए देश में पहली बार गंगा यात्रा का आयोजन।

मथुरा में कृष्णोत्सव, बरसाना में रंगोत्सव, वाराणसी में भव्य देव दीपावली का आयोजन।

उत्तर प्रदेश दिवस (24 जनवरी) का भव्य आयोजन। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले महानुभावों को सम्मानित किया गया।

बौद्ध सर्किट में श्रावस्ती, कपिलवस्तु और कुशीनगर तथा रामायण सर्किट में चित्रकूट, अयोध्या एवं श्रृंगवेरपुर में पर्यटन सुविधाओं का विकास।

बृज तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद की स्थापना।

ब्रज क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़े प्रमुख स्थलों का पर्यटन विकास।

अष्टभुजा (चित्रकूट धाम), कालीखोह (विंध्यांचल) में रोप-वे का संचालन एवं बरसाना (मथुरा) में रोप-वे निर्माणाधीन।

नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद, विन्ध्य तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद, शुक्रधाम तीर्थ विकास परिषद, चित्रकूट तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद, देवीपाटन तीर्थ विकास परिषद का गठन।

महाभारत सर्किट के अन्तर्गत महाभारत से जुड़े स्थलों का विकास।

शक्तिपीठ सर्किट एवं आध्यात्मिक सर्किट से जुड़े स्थलों का विकास।

जैन तथा सूफी सर्किट के तहत आगरा एवं फतेहपुर सीकरी में पर्यटन सुविधाओं का विकास। 

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गोरखपुर के रामगढ़ताल में वाटर स्पोर्ट्स, पीलीभीत टाइगर रिजर्व तथा चन्दौली में देवदरी, राजदरी वाटरफॉल का विकास।

उत्तर प्रदेश ट्रेवल मार्ट (लखनऊ) इण्डिया टूरिज्म मार्ट (नई दिल्ली), आम महोत्सव, माघ मेला प्रयागराज, गोरखपुर महोत्सव के आयोजन।

वाराणसी में क्रूज सेवा का संचालन।

स्पिरिचुअल सर्किट के अन्तर्गत गोरखपुर, देवीपाटन, डुमरियागंज में पर्यटन सुविधाओं का विकास।

जेवर, दादरी, नोएडा, सिकन्दराबाद, खुर्जा एवं बांदा में पर्यटन सुविधाओं का विकास।

आगरा में शाहजहाँ पार्क एवं मेहताब बाग-कछपुरा का कार्य एवं वृृन्दावन में बाँके बिहारी जी मन्दिर क्षेत्र में पर्यटन विकास।

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