गला रेतने के बाद पत्नी और बेटी की लाश के पास करीब 12 घंटे तक बैठा रहा 89 वर्षीय रिटायर्ड आर्मी मैन!
आरोपी पुरुषोत्तम सिंह अपने अंधेरी फ्लैट में करीब 12 घंटे तक शवों के साथ बैठा रहा। अपनी पत्नी और बेटी की हत्या करने के बाद आरोपी पुरुषोत्तम सिंह का आतम्हत्या करने का विचार था। कत्ल करने के बाद आरोपी ने अपनी दूसरी बेटी को फोन कर घटना की जानकारी दी।
मुंबई में 89 वर्षीय सेवानिवृत्त सेना के एक जवान ने अपनी पत्नी और बेटी की गला रेत कर हत्या कर दी है। मामला अंधेरी के शेर-ए-पंजाब कालोनी का है और मेघवाड़ी थाने में मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी पुरुषोत्तम सिंह गंधोक ने अपनी पत्नी जसबीर कौर गंधोक और मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटी कमलजीत कौर की गला रेत कर हत्या की। आरोपी की पत्नी पिछले 10 साल से बीमार थी और उनकी बेटी मानसिक रूप से विक्षिप्त थी। पूछताछ के दौरान पता चला कि, वह अपनी पत्नी और बेटी को और अधिक पिड़ित नहीं देख सकते थे। दोनों की देखभाल करते-करते आरोपी पुरुषोत्तम सिंह बिल्कुल ऊब चुका था जिसके कारण उसने पत्नी और बेटी को मौत के घाट उतार दिया।
पत्नी और बेटी के लाश के पास करीब 12 घंटे तक बैठा रहा
बता दें कि, आरोपी पुरुषोत्तम सिंह अपने अंधेरी फ्लैट में करीब 12 घंटे तक शवों के साथ बैठा रहा। अपनी पत्नी और बेटी की हत्या करने के बाद आरोपी पुरुषोत्तम सिंह का आतम्हत्या करने का विचार था। कत्ल करने के बाद आरोपी ने अपनी दूसरी बेटी को फोन कर घटना की जानकारी दी। जानकारी के लिए बता दें कि, आरोपी अंधेरी के शेर-ए-पंजाब कालोनी में किराए के अपार्टमेंट में रहता है और उनकी बड़ी बेटी की शादी हो चुकी थी। उनकी बड़ी बेटी भी उसी मोहल्ले में रहती है। वहीं पत्नी जसबीर कौर और छोटी बेटी कमलजीत कौर पुरुषोत्तम सिंह के साथ रहती थीं।
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पुलिस सूत्रों ने कहा कि, आरोपी की पत्नी जसबीर की एंजियोग्राफी हुई थी और घुटने में भी परेशानी थी, वह पिछले 10 साल से बिस्तर पर पड़ी हुई थी जबकि बेटी कमलजीत भी पूरी तरह से अपने पिता पर निर्भर थी। रविवार को रात करीब आठ बजे गंधोक ने अपनी पत्नी और बेटी को खाना खिलाया। जब दोनों सो गए तो उसने कथित तौर पर उनका गला काट दिया। उसने अगले दिन सुबह करीब साढे़ आठ बजे अपनी बड़ी बेटी गुरुविंदरकौर राजबंस आनंद को फोन किया और कहा कि, उसने उसकी मां और बहन को मार डाला है। गुरुविंदर कौर अपने पिता के फ्लैट में पहुंची, लेकिन गंधोक ने दरवाजा नहीं खोला और पुलिस को बुलाने की मांग की। मेघवाड़ी पुलिस स्टेशन में, एक सूत्र ने कहा, गंधोक ने पुलिस को बताया कि वह दोनों की देखभाल करने से तंग आ चुका था और अब उन्हें और अधिक पीड़ित नहीं देख सकता था। उन्हें इस बात की भी चिंता थी कि अगर उन्हें कुछ हो गया तो उनकी देखभाल कौन करेगा। मेघवाड़ी पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, "गंधोक ने अपनी जान लेने की कोशिश की। वह 12 घंटे तक शवों के पास बैठा रहा, लेकिन खुद को मारने की हिम्मत नहीं जुटा सका।"
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