किसानों को विपक्ष का पूरा समर्थन नहीं मिल रहा, जांच से डरे हुए हैं नेता: राकेश टिकैत

Rakesh Tikait

उन्होंने युवाओं की और भागीदारी का आह्वान करते हुए कहा कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ फिलहाल आंदोलन नवंबर तक जारी रहेगा। टिकैत ने दावा किया कि विपक्ष बदहाल स्थिति में है और किसानों के मुद्दे पर नहीं बोल रहा है।

जोधपुर। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि विपक्षी नेता किसानों के आंदोलन को ज्यादा समर्थन नहीं दे रहे क्योंकि उन्हें डर है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा निशाना बनाया जाएगा। राजस्थान के जोधपुर के पीपाड़ में किसानों की महापंचायत को संबोधित करते हुए भाकियू नेता ने केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार को ‘‘दो लोगों की सरकार’’ बताया जो किसी की नहीं सुनती। उन्होंने युवाओं की और भागीदारी का आह्वान करते हुए कहा कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ फिलहाल आंदोलन नवंबर तक जारी रहेगा। टिकैत ने दावा किया कि विपक्ष बदहाल स्थिति में है और किसानों के मुद्दे पर नहीं बोल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उनके पुराने कारनामे उनकी राह में आड़े आ रहे हैं और उन्हें किसी मामले में फंसा दिए जाने का डर है।’’ केंद्र पर निशाना साधते हुए किसान नेता ने कहा, ‘‘अगर सरकार होती तो वार्ता होती। लेकिन देश में दो लोगों की सरकार है।’’ उन्होंने कहा कि यह सरकार किसी की राय नहीं लेती है। टिकैत ने कहा कि किसानों का आंदोलन लंबी लड़ाई है और युवाओं को इसे अंजाम तक ले जाने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार उन्हें (युवाओं को) ही यह लड़ाई आगे ले जानी होगी। इसके लिए बाधाएं खत्म करनी होगी।’’ टिकैत ने कहा, ‘‘अगले 20-30 साल में हम अपनी जमीन खो देंगे और ऐसा देश के हरेक किसान के साथ होगा। हम सरकार से लड़कर ही अपनी जमीन बचा सकते हैं।’’ 

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उन्होंने उपस्थित लोगों से सभी सुविधाएं त्यागने और आंदोलन का समर्थन करने को कहा। टिकैत ने दावा किया अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून नहीं होगा तो फसल ‘‘आधी कीमत’’ पर बिकेगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल आंदोलन नवंबर तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि हम बहुत दूर आ गए हैं इसलिए वापस लौटने का सवाल ही नहीं उठाता।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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