Kisan Mahapanchayat के जरिए किसानों ने सरकार को दिया खास मैसेज, महापंचायत पर राकेश टिकैत का आया ये बयान

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रितिका कमठान । Mar 14 2024 3:42PM

दोपहर तक जारी रही इस महापंचायत में दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए हुए थे। दिल्ली पुलिस ने इस महापंचायत को आयोजित करने के लिए कड़ी शर्तों के साथ ही मंजूरी दी थी। पुलिस ने इस रैली में किसानों को ही हिस्सा लेने की अनुमति दी थी, मगर किसान ट्रैक्टर नहीं ला सकते थे।

दिल्ली के रामलीला मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान महापंचायत का आयोजन किया है। कृषि समस्याओं और किसान विरोधी नियमों से निपटने के लिए किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में इक्ट्ठा हुए है। दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई इस महापंचायत के दौरान किसान हजारों की संख्या में रामलीला मैदान में जुटे।

दोपहर तक जारी रही इस महापंचायत में दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए हुए थे। दिल्ली पुलिस ने इस महापंचायत को आयोजित करने के लिए कड़ी शर्तों के साथ ही मंजूरी दी थी। पुलिस ने इस रैली में किसानों को ही हिस्सा लेने की अनुमति दी थी, मगर किसान ट्रैक्टर नहीं ला सकते थे। ना ही किसानों को मार्च करने की भी अनुमति दी गई थी। वहीं किसानों के इस महापंचायत को देखते हुए स्थानीय पुलिस के अलावा बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। इस दौरान सुरक्षा के लिए ड्रोन से भी नजर रखी गई है।

बता दें कि किसान केंद्र को अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए मजबूर करने के लिए किसान बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून पर जोर देते हैं, यह एक शर्त 2021 में स्थापित की गई थी जब वे अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को रोकने के लिए सहमत हुए थे। इसके अतिरिक्त, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों दोनों के लिए पेंशन और कृषि ऋणों की माफी के लिए दबाव डाल रहे हैं। किसानों की यह भी मांग है कि केंद्र लखीमपुर खीरी हिंसा से प्रभावित लोगों को न्याय मिलना चाहिए।

वहीं किसानों की महापंचायत को देखते हुए गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के रामलीला मैदान में भारी भीड़ के बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यहां एक बैठक हुई और सरकार को संदेश मिला कि देश के किसान एकजुट है। सरकार को बातचीत से मसला सुलझाना चाहिए क्योंकि बीना बातचीत के ये आंदोलन ख़त्म होने वाला नहीं है। बता दें कि हजारों किसानों का पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर विरोध जारी है, जहां वे 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। इन सभी किसानों को दिल्ली मार्च करने के दौरान हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने रोक दिया था। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच कई दौर की झड़प भी हुई थी।

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