सुखबीर सिंह बादल की रैली में किसानों का प्रदर्शन, पुलिस से हुई भिड़ंत, लाठीचार्ज और पथराव में कई घायल

Punjab
अभिनय आकाश । Sep 2 2021 6:13PM

शिअद अध्यक्ष और सांसद सुखबीर सिंह बादल अनाज मंडी में कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे तभी प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्ती अंदर जाने की कोशिश की। प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों ने कहा कि वे कुछ मुद्दों पर बादल से बातचीत करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

पंजाब के मोगा में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की रैली के विरोध में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने शिरोमणि अकाली दल के एक कार्यक्रम के आयोजन स्थल के अंदर घुसने की कोशिश करने वाले किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। पुलिस ने दावा किया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनके साथ हाथापाई की और मोगा की अनाज मंडी में शिअद के कार्यक्रम स्थल के अंदर जबरदस्ती घुसने के लिए पथराव किया। पुलिस का कहना है कि हमने उन्हें कई बार चेतावनी दी। लेकिन कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया और पानी की बौछार की। मोगा के पुलिस अधीक्षक ध्रुमन निंबाले ने कहा कि घटनास्थल के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को भी अवरुद्ध कर दिया था, जिसे बाद में इलाके को खाली कराया गया, 600 में से लगभग 35 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है और स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है।

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एसपी हेड क्वार्टर ने बताया, "किसान यूनियन ने पथराव किया, हमारे कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें लगी हैं और लगभग 15 वाहनों को नुकसान हुआ है।" बता दें कि शिअद अध्यक्ष और सांसद सुखबीर सिंह बादल अनाज मंडी में कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे तभी प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्ती अंदर जाने की कोशिश की। प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों ने कहा कि वे कुछ मुद्दों पर बादल से बातचीत करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। एसएसपी ने कहा कि उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की। जब पथराव किया गया, तो हमें उन्हें तितर-बितर करने के लिए संयमित तरीके से लाठीचार्ज करना पड़ा।

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शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने हाल ही में पंजाब के सौ विधानसभा क्षेत्रों में 100 दिनों की "यात्रा" शुरू की थी। एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा कि वे नौ महीने से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक दल सत्ता के लिए अधिक चिंतित हैं और किसानों के लिए केवल मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। कुछ दिनों पहले भी शिअद को मोगा जिले के बाघापुराना में अपने कार्यक्रम के दौरान किसानों के एक समूह के विरोध का सामना करना पड़ा था।

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