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भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने अपना धरना वापस लिया, 57 दिनों बाद चिल्ला बॉर्डर फिर से खोला गया
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 28, 2021 08:21
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नोएडा यातायात पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बीकेयू (भानु) के विरोध वापस लेने के साथ ही चिल्ला बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली-नोएडा मार्ग 57 दिनों के बाद यातायात के लिए फिर से खुल गया।
नोएडा। नये कृषि कानूनों को लेकर करीब दो माह से चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने बुधवार से अपना धरना वापस ले लिया। दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना तथा राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने धरना वापस लिया है। वहीं लोक शक्ति दल ने अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है। नोएडा यातायात पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बीकेयू (भानु) के विरोध वापस लेने के साथ ही चिल्ला बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली-नोएडा मार्ग 57 दिनों के बाद यातायात के लिए फिर से खुल गया। मालूम हो कि भारतीय किसान यूनियन (भानू) नये कृषि कानूनों के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा था। इस धरने की वजह से नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता करीब 57 दिनों से बंद था।
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भारतीय किसान यूनियन (भानू)के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने चिल्ला बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कल ट्रैक्टर परेड के दौरान जिस तरह से दिल्ली में पुलिस के जवानों के ऊपर हिंसक हमला हुआ तथा कानून व्यवस्था की जमकर धज्जियां उड़ाई गई, इससे वे काफी आहत हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लालकिले पर एक धर्म विशेष का झंडा फहराया गया, उससे भी वह दुखी हैं। ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि भारत का झंडा तिरंगा है तथा वह तिरंगे का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि कल के घटनाक्रम से वह काफी आहत हैं। उन्होंने कहा कि 58 दिनों से जारी चिल्ला बॉर्डर का धरना वह खत्म कर रहे हैं। इस बाबत पूछने पर अपर पुलिस उपायुक्त रणविजय सिंह ने बताया कि किसानों ने स्वतः धरना खत्म करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में ही किसान धरना स्थल को छोड़ देंगे तथा यहां पर लगे टेंट आदि को हटाकर यातायात को पुनः सुचारु रुप से चालू कर दिया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि वह ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा करने एवं अराजकता फैलाने वाले किसान बिल्कुल नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘संसद और लालकिला पूरे देश की शान है। लाल किले की प्राचीर पर तिरंगे का अपमान किया गया है वह नाकाबिले बर्दाश्त है।’’
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उन्होंने कहा कि लालकिले की प्राचीर पर एक समुदाय विशेष का झंडा फहराये जाने के मामले की जांच होनी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके। मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने पूरे किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची है। बीकेयू (लोकशक्ति) के प्रवक्ता ने कहा कि ‘जो भी दिल्ली में हुआ वह नहीं होना चाहिए था। हम उसकी निंदा करते हैं और हम किसी भी हिंसा के खिलाफ हैं। हमने घटनाओं के संबंध में भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह की अध्यक्षता में आज एक बैठक की और निर्णय किया कि हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था की हालत के लिए सरकार को घेरा, कहा- महंगाई में तेजी की 'दोहरी मार' से लोग प्रभावित
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 27, 2021 08:16
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कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि तीसरी तिमाही की जीडीपी के आंकड़े से एक बार फिर साबित हो गया है कि देश की अर्थव्यवस्था बदहाल स्थिति में है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था की हालत के लिए सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि लोग कम विकास और तेज महंगाई की ‘दोहरी मार’ से प्रभावित हुए हैं और इसके लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का ‘कुप्रबंधन’ जिम्मेदार है। कृषि, सेवा और निर्माण क्षेत्र में अच्छे प्रदर्शन के कारण चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर में अर्थव्यवस्था में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि तीसरी तिमाही की जीडीपी के आंकड़े से एक बार फिर साबित हो गया है कि देश की अर्थव्यवस्था बदहाल स्थिति में है।
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उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में मात्र 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कि अनुमान से बहुत कम है। सुरजेवाला ने कहा, ‘‘चिंता की वजह समूचे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का अनुमान भी है। केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने 2020-21 के लिए जीडीपी दर को अब माइनस 8 प्रतिशत कर दिया है जबकि पहले -7.7 प्रतिशत का अनुमान था।’’ उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘इसका सीधा मतलब है कि आरबीआई या सीएसओ ने जो अनुमान लगाया है, अर्थव्यवस्था उससे भी बदतर प्रदर्शन करेगी। आगे अर्थव्यवस्था के सिकुड़ने का मतलब होगा कि कम निवेश और कम रोजगार का सृजन।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह उल्लेख करना जरूरी है कि पहली तिमाही की जीडीपी को भी संशोधित कर माइनस 24.4 प्रतिशत कर दिया गया है जो कि पहले माइनस 23.9 प्रतिशत था। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की गलत योजना और बेतरतीब तरीके से लॉकडाउन लगाने के कारण अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा, जो कि पहले ही नोटबंदी और जीएसटी की वजह से दिक्कतें झेल रही थी। सुरजेवाला ने कहा, ‘‘चिंता की बात यह भी है कि देश में महामारी के कारण कीमतें आसमान छूती जा रही है। महंगाई दर में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर ब्याज दर बढ़ाने का दबाव बनेगा और मांग घटने से अर्थव्यवस्था और नुकसान में रहेगी।’’
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उन्होंने कहा कि निजी उपभोग खर्च 21.2 लाख करोड़ रुपये है जो कि वर्ष दर वर्ष आधार पर 2.4 प्रतिशत कम है। कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि यह साफ है कि वस्तुओं की मांग बढ़ रही है, लेकिन जीडीपी में सबसे बड़ा योगदान देने वाली सेवा की मांग कम है और भविष्य में कुछ तिमाही तक इसमें बहुत सुधार की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘दावे के विपरीत केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए बहुत कम खर्च किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी अर्थव्यवस्था कम वृद्धि और तेज महंगाई की दोहरी मार से प्रभावित हुई है जिसका मूल कारण मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का कुप्रबंधन और नाकामी है। आशा है कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को हकीकत का अहसास हो जाएगा।’’ इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि रोजगार बंद, महंगाई बुलंद, सरकार मस्त, आंखें बंद इसलिए भारत बंद।
3rd Qtr GDP data proves yet again that fault lines in Indian economy are more visible than ever before
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 26, 2021
Economy has grown by a mere 0.4% in 3rd Qtr of Financial yr 2020-21 which is far below estimation
Let’s hope that an ignorant PM & FM finally realize the truth
Our Statement- pic.twitter.com/6qdF3ICnr2
विण्डवा आश्रम पर हुई महापंचायत, हरिगिरी महाराज बोले प्रदेश में होना चाहिए शराबबंदी
- दिनेश शुक्ल
- फरवरी 26, 2021 23:35
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महापंचायत में मौजूद लोगों ने भी महाराज की बात का समर्थन करते हुए शराबबंदी लागू होने की बात कही। उधर महापंचायत में दहेजबंदी का भी मुद्दा उठा। महाराज ने लोगों का इस सामाजिक बुराई से दूर रहने का आव्हान किया।
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जीएसटी के खिलाफ कैट के भारत व्यापार बंद का मध्य प्रदेश में भी रहा असर
- दिनेश शुक्ल
- फरवरी 26, 2021 23:25
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व्यापारी न तो सड़कों पर आए और न ही उन्होंने कारोबार किया। बंद को 35 से ज्यादा संगठनों का हमें सहयोग भी मिला। वहीं, कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश सचिव विवेक साहू ने कहा कि कंफेडरेशन की नागपुर में हुई बैठक के बाद इस बंद को आयोजित किया गया।
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