नतीजों से पहले फूट का डर! कांग्रेस और AIUDF के उम्मीदवार जयपुर लाए गए

Congress
अभिनय आकाश । Apr 9 2021 5:11PM

असम के कांग्रेस और एआईयूडीएफ के उम्मीदवारों को जयपुर शिफ्ट किया गया है। बताया जा रहा है कि उम्मीदवारों को जयपुर के फेयर माउंट होटल में ठहराया गया है।

असम में विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने अपने 17 उम्मीदवारों को राजस्थान के जयपुर में एक होटल में भेज दिया है। जयपुर भेजे गए 17 उम्मीदवारों में सात कांग्रेस के और 10 उसकी सहयोगी एआईयूडीएफ के बताए जा रहे हैं।  बताया जा रहा है कि उम्मीदवारों को जयपुर के फेयर माउंट होटल में ठहराया गया है। 

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सूत्रों के अनुसार यह फैसला गठबंधन की ओर से सतर्कतावश उठाया गया है। बता दें कि असम में कांग्रेस और एआईयूडीएफ मिलकर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस उम्मीदवारों को जयपुर शिफ्ट किए जाने के सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सवाल असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और हिमंत बिश्व सरमा से पूछिए। जब राजनीति का चीरहरण हो रहा हो तो कृष्ण बन कर खड़ा तो होना ही पड़ता है। कहा जा रहा है कि सभी प्रत्याशी 2 मई तक जयपुर में ही रहेंगे। 2 मई को रिजल्ट आने के बाद इनकी असम वापसी होगी।   

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जयपुर के उसी  फेयर माउंट होटल में उम्मीदवारों को ठहराया गया है जहां पहले राजस्थान के कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी की गई थी। यहां पर कुछ नेताओं की ड्यूटी लगा दी गई है। एयरपोर्ट से लेकर होटल तक गोवाहाटी से लेकर जयपुर तक पूरी चाक-चौबंद तैयारी की गई है। 

राजस्थान को ही क्यों चुना गया

 छत्तीसगढ़ के सीएम संभाल रहे असम की जिम्मेदारी और अशोक गहलोत केरल की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। फिर आखिर असम के उम्मीदवारों को ठहराने के लिए जयपुर को ही क्यों चुना गया। ये एक बड़ा सवाल है। दरअसल, अशोक गहलोत गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। कांग्रेस के अंदर मैनेजमेंट देखने में अशोक गहलोत की बड़ी भूमिका मानी जाती है। राजस्थान के कई नेताओं को असम के जिम्मे में लगाया गया था। अशोक गहलोत के पीछे भरोसा की एक वजह ये भी है कि महाराष्ट्र में जब संकट में फंसे थे तो वहां के विधायकों को राजस्थान लाया गया था। मध्यप्रदेश में संकट में फंसी थी कांग्रेस तो विधायकों को यहां लाया गया था। हालांकि एमपी में कामयाबी नहीं मिली। इसके अलावा राजस्थान में संकट गहराया तो अशोक गहलोत ने खुद ही मोर्चा संभाला। इसलिए अशोक गहलोत का बाड़ेबंदी के ट्रैक रिकॉर्ड पर भरोसा करते हुए असम के उम्मीदवारों को जयपुर लाया गया।  

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