बाढ़ शरणालयों में भी हो भौतिक दूरी का पालन, वहां रहने वालों की कराई जाए मेडिकल जांच: योगी

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हर साल बारिश में नेपाल तथा उत्तर प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में स्थित बांधों तथा जलाशयों से छोड़ा गया पानी निचले इलाकों में बाढ़ रूपी मुसीबत पैदा करता है। इस बार भी मुख्यतः इन्हीं इलाकों से छोड़े गए पानी की वजह से प्रदेश के विभिन्न जिलों में बाढ़ कहर ढा रही है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के बाढ़ शरणालयों में रह रहे लोगों के बीच कोविड-19 के मद्देनजर भौतिक दूरी सुनिश्चित करने और उनकी चिकित्सकीय जांच कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने सोमवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के बाढ़ शरणालयों में सारी व्यवस्था ठीक की जाए। खासकर कोविड-19 के मद्देनजर भौतिक दूरी पालन किया जाए औरवहां रह रहे लोगों की चिकित्सकीय जांच कराई जाए। उन्होंने यह भी बताया कि योगी ने ये भी निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में विभिन्न बांधों और जलाशयों से पानी छोड़े जाने की सूचना की लगातार जानकारी रखी जाए ताकि बाढ़ की आशंका वाले जिलों में पहले से ही तैयारी सुनिश्चित की जा सके। गौरतलब है कि हर साल बारिश में नेपाल तथा उत्तर प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में स्थित बांधों तथा जलाशयों से छोड़ा गया पानी निचले इलाकों में बाढ़ रूपी मुसीबत पैदा करता है। इस बार भी मुख्यतः इन्हीं इलाकों से छोड़े गए पानी की वजह से प्रदेश के विभिन्न जिलों में बाढ़ कहर ढा रही है। गोयल ने बताया कि इस समय प्रदेश के 19 जिले-अंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, गोंडा, गोरखपुर लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, महराजगंज, मऊ, पीलीभीत, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर और सीतापुर के582 गांव प्रभावित हैं जिनमें से 303 का संपर्क बाकी स्थानों से कट चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 300 बाढ़ शरणालयों की स्थापना की गई है। मौजूदा वक्त में तीन जिलों के 14 शरणालयों में लगभग 800 व्यक्ति रह रहे हैं। पिछले 24 घंटों में लगभग 4,300 खाद्यान्न किट प्रभावित परिवारों को बांटी गई हैं और अब तक 44,700 किट वितरित की जा चुकी हैं। 

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राहत आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में इस वक्त 922 नौकाओं को बाढ़ राहत कार्य में लगाया गया है। इसके अलावा 715 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। हालात पर नजर रखी जा रही है और विभिन्न विभागों से तालमेल कर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस वक्त बाढ़ से संबंधित कोई भी चिंताजनक स्थिति नहीं है। प्रभावित इलाकों में राहत कार्य किया जा रहा है। आंचलिक मौसम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कुछ स्थानों पर वर्षा हुई। इस दौरान निघासन लखीमपुर खीरी में सबसे ज्यादा 18 सेंटीमीटर वर्षा हुई। इसके अलावा कायमगंज (फर्रुखाबाद) में 11, शारदा नगर (लखीमपुर खीरी) और मुजफ्फरनगर में 10-10, कैसरगंज (बहराइच) और पूरनपुर (पीलीभीत) में सात-सात, हाथरस तथा बदायूं में पांच-पांच सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश होने की संभावना है।

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