हिरासत में मौत मामले में पूर्व आईपीएस अफसर संजीव भट्ट को आजीवन कारावास

यह मामला 1990 का है जब भट्ट गुजरात के जामनगर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे। उन्होंने जाम जोधपुर कस्बे में सांप्रदायिक दंगों के दौरान करीब 150 लोगों को हिरासत में लिया था।
जामनगर। गुजरात में एक अदालत ने बृहस्पतिवार को पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को 1990 में हिरासत में हुई मौत के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जामनगर स्थित सत्र अदालत के न्यायाधीश डी एन व्यास ने भट्ट को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई लेकिन मामले में दोषी ठहराए गए छह अन्य पुलिसकर्मियों की सजा का ऐलान अभी नहीं हुआ है।
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यह मामला 1990 का है जब भट्ट गुजरात के जामनगर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे। उन्होंने जाम जोधपुर कस्बे में सांप्रदायिक दंगों के दौरान करीब 150 लोगों को हिरासत में लिया था। इनमें से प्रभुदास वैशनानी नाम के एक शख्स की हिरासत से रिहा किएजाने के बाद अस्पताल में मौत हो गई थी।
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वैशनानी के भाई ने बाद में भट्ट और छह अन्य पुलिसवालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि उन्होंने हिरासत के दौरान उसके भाई को प्रताड़ित किया जिसकी वजह से उसकी जान गई।
Breaking: a local court in Jamnagar has given life prisonment to former Gujarat police officer Sanjiv Bhatt in a three decade old custodial death case. Bhatt’s wife contested against PM Modi in 2012 Gujarat elections. He also targeted Mr Modi for 2002 Gujarat riots..
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) June 20, 2019
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