Mumbai Mayor लड़ाई में खान-पठान-बुर्का से गरमाई राजनीति, ओवैसी की पार्टी से भिड़ गए संजय राउत

भारत में जाकिर हुसैन, फखरुद्दीन अली अहमद और एपीजे अब्दुल कलाम जैसे मुस्लिम राष्ट्रपति रहे हैं। बीजेपी के भी के शासनकाल में भी कई राज्यों में मुस्लिम राज्यपाल रहे हैं। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को नजर अंदाज कर देना चाहिए और हमें आगे बढ़ना चाहिए।
बीएमसी चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन ज्यादातर दलों के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा नहीं हो पाई है। इस बीच मुंबई में बीएमसी का मेयर कौन बनेगा, इसको लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है। एमआईएम नेता वारिश पठान के बयान मुंबई का मेयर मुस्लिम क्यों नहीं बन सकता, पर उद्धव सेना ने पलटवार किया है। उद्धव सेना के नेता संजय राउत ने कहा है कि भारत में पहले भी मुस्लिम राष्ट्रपति रह चुके हैं। भारत में जाकिर हुसैन, फखरुद्दीन अली अहमद और एपीजे अब्दुल कलाम जैसे मुस्लिम राष्ट्रपति रहे हैं। बीजेपी के भी के शासनकाल में भी कई राज्यों में मुस्लिम राज्यपाल रहे हैं। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को नजर अंदाज कर देना चाहिए और हमें आगे बढ़ना चाहिए। बता दें कि वीं में उद्धव सेना और मनसे के गठबंधन की घोषणा के दौरान राज ठाकर ने कहा कि मुंबई का मेयर हमारा और मराठी बनेगा। जबकि मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम कह चुके हैं कि मुंबई का मेयर कोई खान या पठान नहीं बनेगा।
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बीएमसी चुनाव 2026 से पहले, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता वारिस पठान ने राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर बोलते हुए संवैधानिक सिद्धांतों का हवाला दिया और जोर देकर कहा कि संविधान सभी नागरिकों को समानता की गारंटी देता है। संविधान समानता की बात करता है, और हम संविधान का सम्मान करने वाले लोग हैं। मैं पूछना चाहूंगा कि पठान, खान, अंसारी, शेख या कुरैशी महापौर क्यों नहीं बन सकते? संविधान सभी के लिए समानता सुनिश्चित करता है। एक दिन हिजाब पहनने वाली महिला भी मुंबई की महापौर बन सकती है और ईश्वर की कृपा से वह दिन अवश्य आएगा।
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पठान की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एआईएमआईएम नेता की आलोचना की। राउत ने बताया कि भारत में पहले भी मुस्लिम राष्ट्रपति रह चुके हैं और उन्होंने देश के समावेशी राजनीतिक इतिहास पर प्रकाश डाला। राउत ने कहा कि भारत में जाकिर हुसैन, फखरुद्दीन अली अहमद और एपीजे अब्दुल कलाम जैसे मुस्लिम राष्ट्रपति रहे हैं। भाजपा के शासनकाल में भी कई राज्यों में मुस्लिम राज्यपाल रहे हैं। मेरा मानना है कि इस मुद्दे को नजरअंदाज कर हमें आगे बढ़ना चाहिए।
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