Congress में दो पॉवर सेंटर नहीं बनने देगा गांधी परिवार

sonia rahul
ANI
अजय कुमार । Apr 30 2024 3:04PM

बात यहीं तक सीमित नहीं है चर्चा इस बात की भी है कि राहुल गांधी अमेठी की जगह रायबरेली से भी चुनाव लड़ सकते है। इसकी वजह है राहुल का पिछले पांच वर्षो से अमेठी से दूरी बनाये रखना। यदि राहुल अमेठी से चुनाव लड़ते हैं तो उनके ऊपर पिछले पांच वर्षो में अमेठी की अनदेखी करने का आरोप लगेगा।

लखनऊ। अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस किसे उतारेगी, इस बारे में भले ही अभी किसी को कुछ नहीं समझ आ रहा हो, लेकिन इतना लगभग तय हो गया है कि वर्षो से सियासी पारी शुरू करने की उम्मीद लगाये बैठे वाड्रा परिवार (जिसमें प्रियंका वाड्रा गांधी भी शामिल हैं) की 2024 में भी सियासी इंट्री नहीं होने जा रही है। इसके पीछे की वजह कई हो सकती हैं, परंतु मुख्य तौर पर कहा  यही जा रहा है कि गांधी परिवार कांग्रेस के भीतर दो पॉवर सेंटर नहीं बनने देना चाहता है। प्रियंका वाड्रा और राबर्ट वाड्रा में से किसी एक को भी लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया तो गांधी परिवार के हाथ से पार्टी चलाने का रिमोट वाड्रा परिवार के हाथ लग सकता है। इसी लिये अभी तक रायबरेली और अमेठी को लेकर संशय बरकरार है। इसके अलावा यह भी चर्चा है कि कांग्रेस प्रत्याशी नहीं घोषित करके मतदाताओं के बीच क्लाईमेक्स बढ़ा रही है।

बात यहीं तक सीमित नहीं है चर्चा इस बात की भी है कि राहुल गांधी अमेठी की जगह रायबरेली से भी चुनाव लड़ सकते है। इसकी वजह है राहुल गांधी का पिछले पांच वर्षो से अमेठी से दूरी बनाये रखना। यदि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ते हैं तो उनके ऊपर पिछले पांच वर्षो में अमेठी की अनदेखी करने का आरोप लगेगा, जिसका सामना करना उनके लिये आसान नहीं होगा। बीजेपी की प्रत्याशी स्मृति ईरानी जो पिछले दस वर्षो से अमेठी में जमी हुई हैं, यहां तक की उन्होंने अमेठी में अपना घर भी बना लिया है। यहां राहुल चुनावी मैदान में उतरते हैं तो स्मृति से मुकाबला करना उनके लिये आसान नहीं होगा,जबकि रायबरेली से चुनाव लड़ने की दशा में उनके सामने यह समस्या नहीं आयेगी। खैर,जो भी फैसला लिया जाना है, वह गांधी परिवार ही लेगा। 

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी कह चुके हैं कि अमेठी और रायबरेली के बारे में फैसला गांधी परिवार ही लेगा। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा ने नेतृत्व से आग्रह किया कि अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी वाद्रा को चुनाव लड़ना चाहिए। गौरतलब है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बार रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और वह राजस्थान से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुई हैं। उन्होंने दो दशक तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि प्रियंका गांधी इस सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। अमेठी में पांचवें चरण के लिए 20 मई को मतदान होगा। यहां नामांकन की अंतिम तिथि 03 मई है।

सूत्र दावा कर रहे हैं कि राहुल गांधी रायबरेली या अमेठी कहीं से भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं, जबकि प्रियंका वाड्रा गांधी को गांधी परिवार चुनाव मैदान में उतरने के पक्ष में नहीं हैं। गत दिनों यूपी इलेक्शन कमिटी की बैठक में रायबरेली और अमेठी की सीट के लिए प्रस्ताव पास किया गया था कि जनता चाहती है कि अमेठी से राहुल और रायबरेली से प्रियंका चुनाव मैदान में उतरें। इस जनभावना के आधार पर उम्मीदवारी घोषित करने का अधिकार कमिटी ने सीईसी, गांधी परिवार और कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप दिया था। बता दें कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति ने अपने हिस्से में आई यूपी की 17 में से 15 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, लेकिन अमेठी और रायबरेली पर शांति बनाए रखी। अब जबकि अमेठी और रायबरेली सीट के लिए नामांकन शुरू हो चुके हैं तो अब उम्मीदवारी पर फैसला ज्यादा दिनों के लिए टाला नहीं जा सकता।

सूत्रों की मानें तो अमेठी और रायबरेली को लेकर बीते कुछ वक्त में अलग-अलग फॉर्म्युला तैयार करके फैसला करवाने की कवायद की गई। पहले तो गैर गांधी परिवार से उम्मीदवारों को लेकर भी बात हुई, जिस पर पार्टी को यह फीडबैक मिला कि यह कांग्रेस के लिए अच्छा कदम नहीं होगा। लिहाजा गांधी परिवार से ही या उनके परिवार के बेहद करीबी को लेकर फॉर्म्युला तैयार हुआ। कुछ नामों को स्टैंडबाई में रखा गया है। इन्हीं तमाम विकल्पों में यह भी विचार किया गया था कि प्रियंका को अमेठी जबकि राहुल को रायबरेली से चुनाव लड़वाया जाए। लेकिन सूत्र कहते हैं कि राहुल इस पर सहमत नहीं हैं। 

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