गहलोत ने वैक्सीन संबंधी तैयारियां पूरी रखने के दिए निर्देश, बोले- कोरोना योद्धाओं को दी जाएगी पहली प्राथमिकता
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि चूंकि चिकित्साकर्मी सबसे अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धा हैं, अतः उन्हें टीका लगाने संबंधी प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा जाए।
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में कोरोना वायरस के टीके के आने के बाद उसके भंडारण एवं वितरण संबंधी अभी से पूरी तैयारियां रखने के सोमवार को निर्देश दिए। उन्होंने टीके के भंडारण, उसकी आपूर्ति और वितरण की व्यवस्था तथा प्राथमिकता क्रम आदि बिंदुओं की अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चूंकि चिकित्साकर्मी सबसे अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धा हैं, अतः उन्हें टीका लगाने संबंधी प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा जाए। गहलोत ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि संक्रमण खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ रहा है और जरा सी लापरवाही खुद के साथ ही दूसरों के लिये भी जानलेवा हो सकती है।
इसे भी पढ़ें: राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा सवाल, भारत सरकार किस टीके का करेगी चुनाव ?
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संक्रमण पर नियंत्रण के लिए जनहित में कड़े फैसले लिये हैं। आमजन, जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों सहित समाज के सभी वर्गों को समझना होगा कि प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा को सर्वोपरि रखते हुए सामाजिक दूरी समेत सभी प्रोटोकॉल के संबंध में राज्य सरकार द्वारा लिये गये निर्णयों की पालन सभी के हित में है। गहलोत ने कहा कि प्रदेश के आठ जिला मुख्यालयों पर नगरीय क्षेत्र में रात में कर्फ्यू तथा शाम सात बजे के बाद बाजार बन्द कराने, विवाह समारोह में 100 से अधिक लोगों के एकत्र होने तथा मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना बढ़ाने जैसे फैसले जीवन की रक्षा के लिए जरूरी हैं।
इसे भी पढ़ें: कोरोना के टीके के वितरण के संबंध में प्रधानमंत्री की बैठक में शामिल होंगी ममता बनर्जी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को इस बात का एहसास है कि प्रदेश में संक्रमण के बढ़ने के पीछे त्यौहारी सीजन के दौरान बाजारों में उमड़ी भीड़, बढ़ती सर्दी, वैवाहिक कार्यक्रमों में अधिक संख्या में लोगों की उपस्थिति के साथ-साथ नगरीय-निकाय तथा पंचायत चुनावों के प्रचार में सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं होना भी है। उन्होंने कहा कि न्यायिक बाध्यता तथा संवैधानिक प्रावधानों के कारण सरकार ने निकाय एवं पंचायत चुनाव कराए।
अन्य न्यूज़