केंद्र सरकार पर बरसे गहलोत, जीएनसीटीडी कानून को बताया लोकतंत्र की हत्या

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गहलोत ने ट्वीट किया, दिल्ली सरकार के अधिकारों को कम करने के लिए मोदी सरकार द्वारा बनाया गया जीएनसीटीडी कानून लोकतंत्र की हत्या है। एक चुनी हुई सरकार की शक्ति को खत्म करना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है।

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) जीएनसीटीडी कानून को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इस कानून को लोकतंत्र की भावना के खिलाफ बताया। गहलोत ने आशंका जताई है कि आने वाले समय में किसी भी राज्य में चुनाव हारने पर मोदी सरकार ऐसे कानून लाकर राज्य सरकार की शक्तियों को समाप्त कर सकती है। गहलोत ने ट्वीट किया, दिल्ली सरकार के अधिकारों को कम करने के लिए मोदी सरकार द्वारा बनाया गया जीएनसीटीडी कानून लोकतंत्र की हत्या है। एक चुनी हुई सरकार की शक्ति को खत्म करना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। गहलोत के अनुसार उच्चतम न्यायालय ने पहले ही एक फैसला देते हुए चुनी हुई सरकार को ही दिल्ली का असली मुखिया बताया था। गहलोत ने लिखा है, मोदी सरकार देश को फासीवादी तरीके से चलाना चाहती है। चुनावों में हेरा फेरी, निर्वाचित विधायकों की खरीद-फरोख्त और दोनों में कामयाब ना होने पर संसद में बहुमत के दम पर ऐसे तानाशाही समर्थक बिल पास कर चुनी हुई सरकार की शक्तियों को खत्म करना भाजपा के शासन का तरीका है। गहलोत ने आशंका जताते हुए कहा, इस प्रकार तो आने वाले समय में मोदी सरकार किसी भी राज्य में चुनाव हारने पर ऐसे कानून लाकर राज्य सरकार की शक्तियों को समाप्त कर सकती है। 

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मोदी सरकार के इस तानाशाही निर्णय का पार्टी लाइन से ऊपर उठकर राष्ट्रीय स्तर पर विरोध होना चाहिए। उन्होंने कहा, विपक्ष में होने के दौरान भाजपा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर अधिक अधिकार देने की मांग करती थी लेकिन सत्ता में आकर ऐसे कानून लाई है। प्रधानमंत्री सहकारी संघवाद की वकालत करते हैं लेकिन ऐसे कानून बनाकर राज्य सरकारों पर केन्द्र के फैसले थोपना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक यानी जीएनसीटीडी बिल लोकसभा व राज्यसभा में पारित हो चुका है।

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