गहलोत ने राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने का किया अनुरोध
मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि राजस्थान विधानसभा द्वारा वर्ष 2003 में भेजे गये संकल्प का सम्मान करते हुए राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता देने के संबंध में यथोचित कदम उठाएं।
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने और इसे संवैधानिक मान्यता देने का अनुरोध किया है। राजस्थान विधानसभा ने राजस्थानी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिये 2003 में एक संकल्प पारित किया था
Inaugurated Jan Soochna Portal- 2019, which will give online information about 23 govt schemes and services.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 13, 2019
Our aim is to empower common people by taking Right to Information movement to their door steps through this portal. #Rajasthan pic.twitter.com/bVtN2kGXXb
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि उनके पिछले कार्यकाल के दौरान राजस्थान विधानसभा द्वारा वर्ष 2003 में सर्वसम्मति से एक संकल्प पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा गया था जिसमें राजस्थानी को संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित करने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद भी कई बार राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने के लिए राज्य सरकार की ओर से अनुरोध किया जाता रहा है।
इसे भी पढ़ें: टकराव की खबरों के बीच सोनिया ने गहलोत और पायलट से की चर्चा
मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि राजस्थान विधानसभा द्वारा वर्ष 2003 में भेजे गये संकल्प का सम्मान करते हुए राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता देने के संबंध में यथोचित कदम उठाएं।
अन्य न्यूज़