श्रद्धा के साथ मनाई गई पद्मश्री भिखारी ठाकुर की 50वीं पुण्यतिथि

BHIKHARI JI
प्रतिरूप फोटो
प्रणव तिवारी । Jul 12 2021 8:01PM

पद्मश्री भिखारी ठाकुर अपने समाज और उसकी विविध सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक समस्याओं को बड़ी सूक्ष्मता तथा संवेदनशीलता से देखा, मनन किया तथा तार्किक एवं सकारात्मक ढंग से पुनर्जागरण को अपनी भोजपुरिया समाज में पहुंचाने का निर्णय लिया।

गोरखपुर। ऑल इंडिया महापदम् नंद कम्युनिटी एजुकेटेड एसोसिएशन गोरखपुर इकाई के तत्वावधान में भोजपुरी के समर्थ कलाकार, पद्मश्री भिखारी ठाकुर  की 50 वीं पुण्यतिथि भगवानपुर स्थित परम देवी जूनियर हाई स्कूल पर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत बड़े ही श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। नाई, नंद, सेन, सविता,शर्मा, श्रीवास, ठाकुर समाज के लोगों ने उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। एसोसिएशन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। बतौर मुख्य अतिथि एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष विनय कुमार शर्मा नंद ने कहा कि पद्मश्री भिखारी ठाकुर अपने समाज और उसकी विविध सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक समस्याओं को बड़ी सूक्ष्मता तथा संवेदनशीलता से देखा, मनन किया तथा तार्किक एवं सकारात्मक ढंग से पुनर्जागरण को अपनी भोजपुरिया समाज में पहुंचाने का निर्णय लिया। वह इसमें पूर्णतया सफल भी रहे। उन्होंने कहा कि पद्मश्री भिखारी ठाकुर निश्चित रूप से भोजपुरी के आधुनिक पुनर्जागरण के सच्चे संदेशवाहक थे। जिला संरक्षक नकछेद नंद ने कहा कि जिला शाहाबाद के अंग्रेज कलेक्टर द्वारा भिखारी ठाकुर  को ब्रिटिश शासन द्वारा रायबहादुर की उपाधि प्रदान की गई थी। महा पंडित राहुल सांकृत्यायन ने सन् 1947 में इन्हें भोजपुरी का शेक्सपियर कहा था। उन्होंने आगे कहा कि 24 जनवरी 1954 को बिहार नाटक कला महोत्सव के उपलक्ष्य में महामहिम राज्यपाल बिहार द्वारा सम्मान पत्र प्रदान किया गया था और भिखारी ठाकुर बिहार भूषण बन गए। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आरडी नंद ने कहा कि पद्मश्री भिखारी ठाकुर  बहुआयामी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। वह एक साथ ही कवि, गीतकार, नाटककार, नाट्य निर्देशक, लोक संगीतकार, अभिनेता और मल्लिक जी थे। फाउंडर मेंबर उमेश नंद ने कहा कि भिखारी ठाकुर जी ने पिछड़ों, दलितों, वंचितों की विभिन्न समस्याओं के बारे में इनके समग्र उत्थान के उद्देश्य से लोक नाटकों, गीतों की रचना ही नहीं किया बल्कि अपने सशक्त एवं प्रभावी अभिनय द्वारा ग्रामीण परिवेश में प्रस्तुत कर उनमें चेतना का संचार भी किया। संचालन करते हुए एसोसिएशन के जिला सचिव अशोक शर्मा नंद ने कहा कि भिखारी ठाकुर  का व्यक्तित्व सांस्कृतिक ही नहीं था अपितु वे स्वयं एक सांस्कृतिक संस्था थे।

इस अवसर पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और समाज के लोगों में उमेश शर्मा, बचऊ नंद, प्रेम नारायण नंद, शिवनाथ नंद, त्रिजुगी नारायण शर्मा, सुरेंद्र नंद, देवेंद्र शर्मा, श्रवण शर्मा,साधु शरण शर्मा,ओम प्रकाश शर्मा, बैजनाथ शर्मा आदि उपस्थित रहें।

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