Rajiv Gandhi assassination: दोषियों की रिहाई के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की समीक्षा याचिका

Rajiv Gandhi
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Nov 17 2022 9:29PM

केंद्र ने कहा कि दोषियों को छूट देने का आदेश मामले में एक आवश्यक पक्ष होने के बावजूद उसे सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिए बिना पारित किया गया।

केंद्र ने राजीव गांधी हत्या मामले में नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को रिहा करने के 11 नवंबर के आदेश के खिलाफ गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर की है। केंद्र ने कहा कि दोषियों को छूट देने का आदेश मामले में एक आवश्यक पक्ष होने के बावजूद उसे सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिए बिना पारित किया गया। सरकार ने कथित प्रक्रियात्मक चूक को भी उजागर किया, जिसमें कहा गया है कि छूट की मांग करने वाले दोषियों ने औपचारिक रूप से केंद्र को एक पक्ष के रूप में शामिल नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप मामले में उसकी गैर-भागीदारी हुई।

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सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को पूर्व पीएम राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन समेत छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का निर्देश दिया। अगालत ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि तमिलनाडु सरकार ने दोषियों को सजा में छूट देने की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धारा 303 के तहत दोषी एक अपीलकर्ता की सजा में छूट के मामले में राज्यपाल राज्य मंत्रिमंडल की सलाह मानने को बाध्य है। इस मामले में राज्य सरकार ने सजा माफी की सलाह 2018 में राज्यपाल को दी थी। क्या है पूरा मामला आपको शॉर्टकट में बता देते हैं। 

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दरअसल, राजीव गांधी की हत्या में सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों पेरारिवलन, मुरुगन, संतन और श्रीहरन के मृत्युदंड की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। नलिनी की मौत की सजा भी आजीवन कारावास में बदली गई। नलिनी वेल्लोर जेल में 30 से अधिक वर्षों तक बंद रही, जबकि रविचंद्रन ने 37 साल कैद काटी। दोनों ने समय से पहले रिहाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 

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