सरकार ने कारोबार सुगमता के लिए विदेशी निवेश के समेकित नियम जारी किये
इसे वर्तमान व्यापार और आर्थिक जरूरतों के अनुरूप तैयार किया गया है।’’ बयान के अनुसार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश पर स्पष्टता लाई गई है। विभिन्न विदेशी निवेश संबंधी लेनदेन जो पहले अनुमोदन मार्ग के तहत थे, अब स्वत: मंजूरी मार्ग के तहत हैं। इससे कारोबार सुगमता बढ़ी है।
नयी दिल्ली, 23 अगस्त। वित्त मंत्रालय ने कारोबार सुगमता की स्थिति को और बेहतर करने के लिये भारतीय इकाइयों के विदेशों में निवेश को लेकर समेकित नियमों को अधिसूचित किया है। विदेशी मुद्रा प्रबंधन (विदेशी निवेश) नियम, 2022 विदेशी निवेश और भारत के बाहर अचल संपत्ति के अधिग्रहण और हस्तांतरण से संबंधित मौजूदा नियमों को समाहित करेगा। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘...तेजी से एकीकृत वैश्विक बाजार में भारतीय कंपनियों को वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनने की आवश्यकता है। विदेशी निवेश के लिये संशोधित नियामकीय ढांचा मौजूदा रूपरेखा को सरल और सुगम बनाता है।
इसे वर्तमान व्यापार और आर्थिक जरूरतों के अनुरूप तैयार किया गया है।’’ बयान के अनुसार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश पर स्पष्टता लाई गई है। विभिन्न विदेशी निवेश संबंधी लेनदेन जो पहले अनुमोदन मार्ग के तहत थे, अब स्वत: मंजूरी मार्ग के तहत हैं। इससे कारोबार सुगमता बढ़ी है। पिछले साल, केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक के परामर्श से इन नियमों को सरल बनाने को लेकर कदम उठाया था। विदेशी मुद्रा प्रबंधन (विदेशी निवेश) नियमों का मसौदा और विदेशी विनिमय प्रबंधन (विदेशी निवेश) विनियमन पर संबंधित पक्षों की राय जानने के लिये सार्वजनिक किया गया था।
नये नियमों में भारत में निवासी व्यक्ति (पर्सन रेजिडेन्ट) के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में विदेशी निवेश को शामिल किया गया है। वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा कि भारत में निवासी व्यक्ति सीमा के भीतर आईएफएससी में निवेश कर सकता है। फेमा की धारा 2 (5) (आई) के तहत भारत में रह रहे निवासी व्यक्ति से आशय उस व्यक्ति से है जो देश में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 182 दिन से अधिक समय यहां रहा है।
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