ध्रुवीकरण के लिए कश्मीर का स्थायी इस्तेमाल करने की कोशिश में सरकार: राहुल
जम्मू-कश्मीर के प्रशासन ने सोमवार को कहा कि अब्दुल्ला को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया है। पीएसए के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना किसी मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।
नयी दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने मंगलवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार अब्दुल्ला जैसे राष्ट्रवादी नेताओं को हटाकर आतंकवादियों को जगह देना चाहती है ताकि वह पूरे देश में ध्रुवीकरण के लिए कश्मीर का स्थायी रूप से इस्तेमाल कर सके।
The Government should stop creating space for terrorists in Jammu & Kashmir and release all nationalist leaders ASAP.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 17, 2019
गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि सरकार फारूक अब्दुल्ला जैसे राष्ट्रवादी नेताओं को हटाना चाहती है ताकि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक शून्य पैदा हो जो आतंकवादियों द्वारा भर दिया जाए। इसके बाद शेष भारत में ध्रुवीकरण करने के लिए कश्मीर का स्थायी रूप से उपयोग राजनीतिक औजार के तौर पर किया जा सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के लिए जगह नहीं पैदा करनी चाहिए और सभी राष्ट्रवादी नेताओं को रिहा करना चाहिए।’’ गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के प्रशासन ने सोमवार को कहा कि अब्दुल्ला को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया है। पीएसए के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना किसी मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।
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