ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए 25 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार: कोविंद

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि सरकार आगामी वर्षों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए 25 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। कोविंद ने कहा कि किसानों के लिए शुरू किए गए ऑनलाइन राष्ट्रीय बाज़ार यानी ई-एनएएम का प्रभाव भी अब दिखाई देने लगा है।

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि सरकार आगामी वर्षों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए 25 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।  शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा किप्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 8 करोड़ से ज्यादा किसान-परिवारों के बैंक खाते में 43,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा कराई जा चुकी है। इसी महीने दो जनवरी को एक साथ 6 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 12,000 करोड़ रुपये डालकर सरकार ने रिकॉर्ड बनाया है।  सरकार 87,000 करोड़ रुपये की पीएम किसान योजना के तहत किसानों को साल में तीन बराबर किस्तों में 6,000 रुपये उपलब्ध करा रही है। इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को पिछले साल अंतरिम बजट में शुरू किया गया था। इसके तहत 14.5 करोड़ किसानों को लाने का लक्ष्य है।  कोविंद ने कहा कि सरकार किसानों को लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने के लिए काम कर रही है। खरीफ और रबी की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में लगातार की गई वृद्धि इसी दिशा में उठाया गया कदम है। सरकार के प्रयासों से दलहन और तिलहन की खरीद में 20 गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से किसान को राहत दिलाने के लिए सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर संवेदनशीलता से काम कर रही है।

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत औसतन प्रतिवर्ष साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा किसान बहुत कम प्रीमियम पर अपनी फसलों का बीमा करा रहे हैं। इस योजना के तहत बीते तीन वर्षों में किसानों को लगभग 57 हजार करोड़ रुपये की दावा राशि का भुगतान किया गया।  कोविंद ने कहा कि किसानों के लिए शुरू किए गए ऑनलाइन राष्ट्रीय बाज़ार यानी ई-एनएएम का प्रभाव भी अब दिखाई देने लगा है। देश के 1.65 करोड़ किसान एवं करीब सवा लाख व्यापारी इससे जुड़ चुके हैं। लगभग 90 हज़ार करोड़ रुपये का कारोबार इस प्लेटफॉर्म पर हो चुका है।उन्होंने बताया कि इस दशक में ई-एनएएम को और प्रभावी बनाने के लिए 400 से ज्यादा नई मंडियों को इससे जोड़ने पर काम चल रहा है।

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उन्होंने कहा कि सरकार खेती के वैकल्पिक उपायों पर भी जोर दे रही है। क्लस्टर आधारित बागवानी के साथ ही जैविक खेती के प्रचार और प्रसार पर भी काम हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘शहद उत्पादन को लेकर किए गए सरकार के प्रयासों से इसके उत्पादन में लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शहद का निर्यात भी दोगुना से अधिक हो गया है। इसी उपलब्धि को और बढ़ाने के लिए नेशनल बी-कीपिंग एंड हनी मिशन को स्वीकृति दी गई है।’’ उन्होंने बताया कि नए मत्स्यपालन विभाग के माध्यम से मछुआरों की आय और मछली उत्पादन, दोनों को दोगुना करने का लक्ष्य है। देश के 50 करोड़ से अधिक पशुधन को स्वस्थ रखने का एक बहुत बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पशुओं को खुरपका और मुंहपका बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण व अन्य उपायों पर 13 हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

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