राष्ट्रपति के अभिभाषण में मंदी से निपटने को लेकर कुछ नहीं था: चिदंबरम
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, राष्ट्रपति का अभिभाषण नए साल में सरकार का नीतिगत बयान होता है। मैं यह देखना चाहता था कि यह सरकार गंभीर आर्थिक मंदी से निपटने के लिए क्या इरादा रखती है ? लेकिन मुझे इसमें कुछ नहीं मिला।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को दावा किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में आर्थिक मंदी से निपटने को लेकर कुछ नहीं कहा गया।उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर अपना रुख फिर दोहराया है जिससे विरोध प्रदर्शन और तेज होंगे। चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, राष्ट्रपति का अभिभाषण नए साल में सरकार का नीतिगत बयान होता है। मैं यह देखना चाहता था कि यह सरकार गंभीर आर्थिक मंदी से निपटने के लिए क्या इरादा रखती है ? लेकिन मुझे इसमें कुछ नहीं मिला।
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उन्होंने कहा, सरकार ने सीएए पर कठोर रुख दोहराया कि वह युवाओं, महिलाओं के विरोध प्रदर्शन से बेपरवाह है।’’ लोकतांत्रिक प्रतिरोध को सरकार द्वारा खारिज करने से विरोध प्रदर्शन तेज होंगे। कांग्रेस नेता ने कहा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर नीति को सरकार ने जिस तरह बयां किया, उससे साफ है कि उसने पिछले छह महीनों में कुछ नहीं सीखा और वह कश्मीर घाटी में 75 लाख लोगों के साथ अन्याय और अपमान बढ़ाने को प्रतिबद्ध है।
The government is clueless, and therefore the President's Address was silent, on dwindling investment and rising number of stalled projects. The future of the manufacturing sector is bleak.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 31, 2020
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