शिक्षक भर्ती घोटाला, TMC मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के खिलाफ मुकदमा चलाने की राज्यपाल ने दी मंजूरी

ईडी ने सिन्हा के खिलाफ एक विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है। प्रोटोकॉल के अनुसार, किसी भी जाँच एजेंसी को किसी मौजूदा मंत्री पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित राज्यपाल की अनुमति लेनी होती है, क्योंकि राज्यपाल ही नियुक्ति प्राधिकारी होते हैं। धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत की गई जाँच में, निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता और तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित अन्य लोगों की बड़े पैमाने पर हुए घोटाले में संलिप्तता का पता चला।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जाँच के अधीन स्कूल भर्ती घोटाले के संबंध में राज्य के सुधार सेवा मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी। राजभवन के एक सूत्र ने इसकी पुष्टि की। सूत्र ने बताया, उनके समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर, राज्यपाल ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाला मामले से संबंधित धन शोधन के अपराध के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के प्रभारी मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।
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ईडी ने सिन्हा के खिलाफ एक विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है। प्रोटोकॉल के अनुसार, किसी भी जाँच एजेंसी को किसी मौजूदा मंत्री पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित राज्यपाल की अनुमति लेनी होती है, क्योंकि राज्यपाल ही नियुक्ति प्राधिकारी होते हैं। धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत की गई जाँच में, निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता और तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित अन्य लोगों की बड़े पैमाने पर हुए घोटाले में संलिप्तता का पता चला।
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योग्य और मेधावी उम्मीदवारों को स्कूल शिक्षक के रूप में नियुक्ति से वंचित कर दिया गया, जबकि अयोग्य, निम्न-श्रेणी के और यहाँ तक कि असफल उम्मीदवारों की सिफारिश की गई और उन्हें पैसे के बदले अवैध रूप से नियुक्त किया गया। जनवरी 2023 में, निलंबित टीएमसी युवा नेता कुंतल घोष के आवास पर छापेमारी के दौरान, ईडी ने कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज़ ज़ब्त किए, जिनसे अयोग्य उम्मीदवारों की भर्ती में शामिल एजेंटों की पहचान हुई। एक दस्तावेज़ में मौजूदा विधायक और मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा का नाम लिया गया था और उन पर कई उम्मीदवारों के नाम सुझाने का आरोप लगाया गया था। दर्ज बयानों से संकेत मिलता है कि इन नियुक्तियों को सुनिश्चित करने के लिए मंत्री सिन्हा सहित कई एजेंटों को भुगतान किया गया था।
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