खाद्य तेलों की कीमतों में भारी उछाल के बाद सब्जियों के बढ़े दाम, कब मिलेगी राहत ?
दरअसल केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों की महंगाई पर राज्यों की बैठक बुलाई है और इस बैठक का समय 25 अक्तूबर मुकर्रर किया गया है।
नयी दिल्ली। बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार एक बैठक कर रही है। दरअसल, केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों की महंगाई पर राज्यों की बैठक बुलाई है और इस बैठक का समय 25 अक्तूबर मुकर्रर किया गया है। दरअसल पेट्रोल और डीज़ल की महंगाई के अलावा खाद्य तेलों और प्याज़ की महंगाई ने लोगों की परेशानी में इज़ाफा किया है। बाज़ार की महंगाई देखें तो टमाटर की कीमत आसमान छूने लगी है। हालांकि इस पर सरकार का कहना है कि खाद्य तेलों की कीमत पिछले साल के मुताबिक कम है।
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राज्यों के साथ बैठक करेगी केंद्र सरकार
बढ़ते खाद्य तेलों की कीमतों के शोर के बाद केंद्र सरकार ने खाद्य तेल महंगाई के मामले को लेकर 25 अक्तूबर को राज्यों की बैठक बुलाई है। एबीपी न्यूज़ के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में खाद्य तेलों पर स्टॉक सीमा तय करने के फैसले के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी। सभी राज्यों से स्टॉक सीमा सुनिश्चित करने के लिए सख़्त क़दम उठाने को कहा गया है।महंगाई के बढ़ते शोर के बीच केंद्र सरकार इस बात का दावा कर रही है कि सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की बदौलत खाद्य तेलों और प्याज़ की क़ीमत स्थिर बनी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केन्द्रीय खाद्य सचिव सुधांशू पांडे के मुताबिक़ सरकार ने प्याज़ का 2 लाख टन का बफर स्टॉक तैयार किया है, जिसमें से क़रीब 81 हज़ार टन प्याज़ राज्यों को मुहैया कराया जा चुका है।उनका कहना है कि खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 21 अक्टूबर को प्याज़ की खुदरा क़ीमत 55 रुपए प्रति किलो थी, जबकि इस साल 21 अक्टूबर को 41 रुपए प्रति किलो है। खाद्य सचिव के मुताबिक प्याज़ की नई फसल अगले महीने से बाज़ार में आने लगेगी, जिससे दाम में गिरावट शुरू हो जाएगी।इसे भी पढ़ें: फैजाबाद जंक्शन का नया नाम ‘अयोध्या कैंट होगा, सरकार ने दिया था फरमान
एबीपी खबर के मुताबिक, खाद्य सचिवा सुधांशु पांडे ने कहा कि खाद्य तेलों को लेकर सरकार ने खाद्य तेलों की कीमत को कम करने के लिए आयात शुल्क को खत्म करने, स्टॉक की सीमा तय करने और तिलहन की पैदावार बढ़ाने जैसे कई कदम उठाए हैं। उन्होंने दावा किया कि धीरे धीरे इसका असर भी दिखने लगा है, लेकिन आने वाले महीनों में इसका पूरा असर खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट के रूप में दिखने भी लगेगा। उन्होंने कहा कि अगले साल फरवरी तक खाद्य तेलों के दाम सामान्य स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है। जब्कि केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि पिछले एक महीने में खाद्य तेलों की कीमत काफी हद तक स्थिर हो गई है।
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