श्रमिकों को बदहाल स्थिति में धकेलने के लिए देश से माफी मांगें सरकारें: रामगोविन्द चौधरी

ramgovind chaudhary

सपा नेता रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि अदालत की टिप्पणी से किसी निष्ठुर आदमी की भी आँखें डबडबा जाएंगी, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों के प्रमुख और उनके अधिकारी इसे लगातार नज़रअंदाज़ कर रहे हैं।

बलिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविन्द चौधरी ने केंद्र और राज्य सरकारों से प्रवासी श्रमिकों की स्थिति को लेकर उच्चतम न्यायालय के 26 मई के फैसले का अध्ययन करने और मजदूरों को इस बुरी स्थिति में पहुंचाने के लिये देश से माफी मांगने को कहा है। चौधरी ने बुधवार को यहां एक बयान में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के मुखिया न्यायालय के फैसले को पढ़ें और श्रमिकों को बदहाल स्थिति में धकेलने के लिए देश से माफी मांगें। सपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अदालत की टिप्पणी से किसी निष्ठुर आदमी की भी आँखें डबडबा जाएंगी, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों के प्रमुख और उनके अधिकारी इसे लगातार नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। 

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न्यायालय ने कहा है कि प्रवासी मजदूर सड़कों, रेलवे स्टेशनों और राज्य की सीमाओं पर घर जाने के लिए बैठे हैं। उनके लिए पर्याप्त परिवहन व्यवस्था नहीं है, न ही उनके खाने और रहने का उचित इंतजाम है। इस स्थिति से निपटने के लिए प्रभावी प्रबन्ध जरूरी है। चौधरी ने आरोप लगाया कि केन्द्र और राज्य की सरकारों के अचानक एवं अनियोजित फैसलों और सरकारों के बीच आपस में तालमेल नहीं होने के कारण देश के श्रमिक भयावह दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बदइंतजामी का आलम यह है कि श्रमिक विशेष ट्रेनों में भी मजदूर दाना-पानी के अभाव में मर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने इंसानियत दिखाते हुए प्रवासी श्रमिकों को भोजन और पानी दिया, उन पर सरकार ने मुकदमे दर्ज करा दिये। सरकारों के इस रवैये से लोकतन्त्र और इंसानियत शर्मसार है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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