विस्थापित कश्मीरी पंडितों की पीड़ा को सरकारें समझें: वेंकैया नायडू

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[email protected] । Jan 20 2020 12:41PM

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि दशकों से विस्थापित कश्मीरी पंडितों को उनकी जन्मभूमि में वापस पुनर्वास करने की अपेक्षा को सरकारों को सहानुभूति पूर्वक समझना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह आज आवश्यक है कि कश्मीरीपंडितों तथा अन्य विस्थापित लोगों के पुनर्वास करने संबंधी न्यायोचित मांगों पर विचार किया जाए तथा उन्हें उनकी जन्मभूमि पर पुनर्स्थापित होनेमें सहायता की जाय।”

नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि दशकों से विस्थापित कश्मीरी पंडितों को उनकी जन्मभूमि में वापस पुनर्वास करने की अपेक्षा को सरकारों को सहानुभूति पूर्वक समझना चाहिए। नायडू ने ट्वीट कर कहा, “मेरे विचार से कश्मीरी पंडितों की सरकारों और समाज से ये अपेक्षा जायज़ है कि वे उनकी पीड़ा और वेदना को सहानुभुति पूर्वक समझें और उनके पुनर्वास के लिए यथासंभव प्रयास करें।”

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कश्मीरी पंडितों के सुरक्षित पुनर्वास में कश्मीर की जनता से सकारात्मक पहल करने की अपील करते हुए नायडू ने कहा, “ये सम्पूर्ण देश और विशेषकर कश्मीरी जनता का नैतिक दायित्व है कि वे उस भूमि के सपूतों को उनके लौटने पर सुरक्षा प्रदान करें, जो भारत के पड़ोसी द्वारा प्रायोजित आतंकवाद और हिंसा के कारण अपने ही घरों से निर्वासित कर दिए गए।”

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उन्होंने कहा, “यह आज आवश्यक है कि कश्मीरी पंडितों तथा अन्य विस्थापित लोगों के पुनर्वास करने संबंधी न्यायोचित मांगों पर विचार किया जाय तथा उन्हें उनकी जन्मभूमि पर पुनर्स्थापित होने में सहायता की जाय।”

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