पाकिस्तानी सेना से प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा का गाइड धरा गया

Armyy
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास रविवार को सेना के जवानों ने लश्कर-ए-तैयबा के उच्च प्रशिक्षित गाइड को गोली मारने के बाद गिरफ्तार कर लिया जो पाकिस्तान सेना की खुफिया इकाई के लिए भी काम कर चुका है।

जम्मू, 22 अगस्त।  जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास रविवार को सेना के जवानों ने लश्कर-ए-तैयबा के उच्च प्रशिक्षित गाइड को गोली मारने के बाद गिरफ्तार कर लिया जो पाकिस्तान सेना की खुफिया इकाई के लिए भी काम कर चुका है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के सब्जकोट गांव का निवासी 32 वर्षीय तबरीक हुसैन जब नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिश कर रहा था, तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उनके अनुसार छह सालों में उसे दूसरी बार गिरफ्तार किया गया है।

अधिकारियों के अनुसार पिछली बार वह और उसका भाई 26 महीने तक सलाखों के पीछे रहे थे और उसके बाद उन्हें अमृतसर में अटारी -वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस बार उसकी ‘फिदायीन’ हमला करने की योजना थी। उनके अनुसार जब सेना ने उसे घायल दशा में गिरफ्तार किया तो वह चिल्लाया, ‘‘ मैं मरने के लिए आया था, मुझे धोखा दे दिया। भाईजान मुझे यहां से निकालो।’’ अधिकारियों ने बताया कि उसके निजी अंगों और बगल के बाल साफ किए हुए हैं जो आतंकवादी तब करते हैं जब वे आत्मघाती मिशन पर होते हैं।

इससे पहले राजौरी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहम्मद असलम ने बताया था कि नौशेरा सेक्टर के सहर मकरी क्षेत्र में नियंत्रण रेखा की पहरेदारी कर रहे सेना के जवानों को किसी घुसपैठिये की संदिग्ध गतिविधि नजर आयी और उन्होंने उसे ललकारा, तब वह भागने लगा। असलम ने बताया, ‘‘इस पर घुसपैठिये पर गोली चलाई गयी,जिसमें वह घायल हो गया और उसे पकड़ा लिया गया। उसका स्थानीय सैन्य अस्पताल में उपचार कराया गया और अब उसे राजौरी में सेना के अस्पताल ले जाया गया है।’’

उन्होंने कहा कि उस पर इलाज का असर हो रहा है। पुलिस के अनुसार अप्रैल, 2016 में कालदियो-सब्जकोट से हुसैन और उसके 15 वर्षीय भाई को तीन अन्य आतंकवादियों-- मोहम्मद काफिल, मोहम्मद अली और यासिन को वापस भेजा गया था। पुलिस का कहना है कि उनके पास हथियारों का जखीरा था और उनकी भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों के पास विस्फोटक लगाने की योजना थी पुलिस के मुताबिक उस साल 25 अप्रैल को पांचों नौशेरा सेक्टर के झांगर में घुसपैठ का प्रयास कर रहे थे, लेकिन काफिल, अली और यासिन भाग गये जबकि ये दोनों भाई गिरफ्तार कर लिये गये।

पुलिस का कहना है कि 16 दिसंबर, 2019 को हुसैन के दूसरे भाई मोहम्मद सईद को भी सेना ने उसी इलाके में पकड़ा था जहां सुबह उसे पकड़ा गया था। पुलिस के अनुसार तब सईद ड्रग के नशे में था, उसे जेल में डाल दिया गया था और कुछ समय बाद पाकिस्तान भेज दिया गया। अधिकारियों के मुताबिक हुसैन करीब दो साल पाकिस्तानी सेना की खुफिया शाखा के लिए भी काम कर चुका है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़