क्या मंत्रालयों के बीच तालमेल नहीं ? रोहिंग्या मामले में हरदीप पुरी ने करा दी फजीहत, भाजपा-AAP आमने सामने

Rohingya
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केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बीते दिनों एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी। एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में स्थित फ्लैट में स्थानांतरित किया जाएगा।

रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बयान से मचे घमासान के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय को स्पष्टीकरण देना पड़ा और फिर हरदीप पुरी ने गृह मंत्रालय के बयान को सही ठहराया। लेकिन साल 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद पहली दफा दो मंत्रालयों के बीच में तालमेल में कमी उजागर हुई है।

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रोहिंग्या मुसलमानों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए निर्मित फ्लैट में भेजने के किसी कदम से गृह मंत्रालय के इनकार करने के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि गृह मंत्रालय का बयान सही स्थिति को बताता है। हालांकि इससे पहले हरदीप पुरी ने एक ट्वीट में कहा था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली में स्थित बक्करवाला के अपार्टमेंट में भेजा जाएगा और उन्हें मूलभूत सुविधाएं तथा पुलिस सुरक्षा भी मुहैया की जाएगी।

भाजपा-AAP में मचा घमासान

इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा आमने-सामने नजर आ रही है। भाजपा ने इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रोहिंग्या मुसलमानों को देश के लिए खतरा बताया। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि रोहिंग्या घुसपैठिए भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। लेकिन अरविंद केजरीवाल राष्ट्र सुरक्षा को ताक पर रखकर तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। अभी कुछ समय पहले ऐसी समाचार रिपोर्ट आईं, जिसमें जो तथ्य थे वो जनता को गुमराह करने के लिए थे। उस पर गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया है।

राष्ट्र की सुरक्षा से समझौता नहीं

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की स्पष्ट नीति है कि राष्ट्र सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। रोहिंग्या घुसपैठिए हमारे देश की अखंडता के लिए खतरा हैं। हमारे देश का कानून ये कहता है कि इनको डिपोर्ट किया जाएगा और ये क्षेत्राधिकार गृह मंत्रालय का है। तो ऐसा क्यों हुआ कि 29 जुलाई को हुई बैठक में, जिसकी अध्यक्षता दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने की उसमें जल्दबाजी में एक फैसला किया गया कि इन सभी घुसपैठियों को ईडब्ल्यूएस के लिए बन रहे घरों में शिफ्ट किया जाएगा।

कैसे शुरू हुआ विवाद ?

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बीते दिनों एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी। एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में स्थित फ्लैट में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्हें मूलभूत सुविधाएं यूएनएचसीआर (शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त की ओर से जारी) परिचय पत्र और दिल्ली पुलिस की चौबीसों घंटे सुरक्षा मुहैया की जाएगी।

उन्होंने ट्वीट किया था कि जो लोग भारत की रिफ्यूजी पॉलिसी के खिलाफ झूठी अफवाह फैलाने का काम करते हैं और इसे सीएए से जोड़ते हैं उन्हें अब निराशा मिलेगी। भारत संयुक्त राष्ट्र के रिफ्यूजी कन्वेंशन 1951 को मानता है और रंग, धर्म और जाति के बिना जिसे भी जरूरत है उसे शरण देता है। हरदीप पुरी ने इस ट्वीट के बाद घमासान छिड़ गया और केंद्रीय मंत्री ने इस ट्वीट को डिलीट भी नहीं किया।

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MHA ने दिया स्पष्टीकरण

गृह मंत्रालय ने कहा कि अवैध विदेशी रोहिंग्याओं के संबंध में मीडिया के कुछ वर्गों में आये समाचार के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने का कोई निर्देश नहीं दिया है। साथ ही अरविंद केजरीवाल सरकार से अवैध विदेशियों को उनके मौजूदा स्थान पर ही रखा जाना सुनिश्चित करने को कहा जाता है।

AAP का केंद्र पर हमला

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी में रोहिंग्या शरणार्थियों को स्थायी आवास देने की गुपचुप कोशिश कर रही है। इसके साथ ही मनीष सिसोदिया ने गृह मंत्रालय के इस दावे को खारिज कर दिया कि इस बारे में दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव दिया था।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शहर में ईडब्ल्यू श्रेणी के फ्लैटों में रोहिंग्या शरणार्थियों को स्थानांतरित करने की घोषणा को सुबह उपलब्धि बता रही थी, लेकिन जब आम आदमी पार्टी ने इस पर विरोध जताया तो उसने बाद में इसकी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार पर डालना शुरू कर दिया।

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