पश्चिम बंगाल में भाजपा के रथयात्रा कार्यक्रम को मिली अदालत की हरी झंडी

hc-decision-allowing-rath-yatras-in-west-bengal-victory-of-democracy-says-bjp
[email protected] । Dec 21 2018 9:57AM

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वैसे तो तारीखें अंतिम रुप से तय नहीं की गयी हैं लेकिन रथयात्रा, जिसे अब गणतंत्र बचाओ यात्रा का नाम दिया गया है।

कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भाजपा के रथयात्रा कार्यक्रम को अनुमित दे दी और सांप्रदायिक अशांति की आशंका के आधार पर रैलियां निकालने की मंजूरी देने से इनकार करने के राज्य सरकार के फैसले को दरकिनार कर दिया। न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती ने अपने आदेश में कहा कि यदि प्रशासनिक अधिकारी मनमाने तरीके से विवेकाधिकार का इस्तेमाल करेंगे तो अदालतें दखल दे सकती हैं। अदालत के आदेश के बाद भाजपा तीन चरण के अपने प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए 28-31 दिसंबर के दौरान अंतरिम नयी तारीखों के साथ सामने आ गयी।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वैसे तो तारीखें अंतिम रुप से तय नहीं की गयी हैं लेकिन रथयात्रा, जिसे अब गणतंत्र बचाओ यात्रा का नाम दिया गया है, अपने पिछले निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी और वह राज्य के सभी 42 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरेगी। उन्होंने कहा, ‘हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं... आज हमारी पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई। अंतरिम नयी तारीखें 28, 29 और 31दिसंबर हैं। फिलहाल अंतिम रुप से कुछ भी तय नहीं हुआ है। हम इसके बारे में राज्य सरकार को सूचित करेंगे।’

इसे भी पढ़ें: शाह की रथ यात्रा को कोर्ट से मंजूरी, भाजपा बोली- जल्द करेंगे कार्यक्रम का ऐलान

भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष अमित शाह राज्य में इन तीनों यात्राओं को रवाना करेंगे। अदालत के आदेश का स्वागत करते हुए भाजपा ने पश्चिम बंगाल की सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस पर उसकी रैली को मंजूरी नहीं देने को लेकर प्रहार किया और इस मुद्दे पर विपक्ष की चुप्पी पर सवाल खड़ा किया। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट किया, ‘मानवाधिकार कार्यकर्ता और विपक्षी दल पश्चिम बंगाल में किसी राजनीतिक दल को अपना कार्यक्रम करने के अधिकार से वंचित करने पर चुप क्यों हैं? यदि किसी राजग/भाजपा सरकार ने किसी विपक्षी कार्यक्रम को रोका होता तो उसे अघोषित आपातकाल कहा गया होता। अब चुप्पी क्यों?’

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि हम इस फैसले को लेकर अदालत का धन्यवाद करते हैं। यह ऐतिहासिक है। गणतंत्र बचाओ यात्रा शीघ्र शुरू होगी और निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी। उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि हमारी ओर से कानून व्यवस्था का कोई उल्लंघन नहीं होगा। भाजपा के कार्यक्रम पर सत्तारुढ़ तृणमूल ने कहा, ‘भाजपा का एकमात्र इरादा राज्य में धार्मिक आधार पर लोगों को बांटना और सांप्रदायिक तनाव पैदा करना है।’ न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती ने पुलिस को पर्याप्त बल तैनात करने का निर्देश दिया ताकि कानून व्यवस्था का उल्लंघन न हो। अदालत ने साथ ही प्रदेश भाजपा को जिले में रैली के प्रवेश करने के तय समय से कम से कम 12 घंटे पहले जिला पुलिस अधीक्षकों को इसकी सूचना देने का निर्देश दिया।

इसे भी पढ़ें: रथ यात्रा कार्यक्रम पर अडिग रहेगी BJP, तिथियों पर सरकार की अनुमति का इंतजार

न्यायालय ने पार्टी को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि यात्राएं कानून का पालन करते हुए निकाली जाएं और सामान्य यातायात बाधित नहीं हो। न्यायमूर्ति चक्रवर्ती ने कहा कि संपत्ति के किसी भी नुकसान या क्षति के लिए याचिकाकर्ता भाजपा जिम्मेदार होगी। भाजपा राज्य में धीरे धीरे अपना मत प्रतिशत बढ़ा रही है। फिलहाल राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी के तीन और राज्य से लोकसभा में दो सांसद हैं। छह दिसंबर को उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने भाजपा को रथयात्रा निकालने की अनुमति देने से इनकार किया था। एकल पीठ के फैसले के विरुद्ध पार्टी खंडपीठ में गयी थी।

खंडपीठ ने सात दिसंबर को राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को भाजपा के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने और रथयात्रा पर 14 दिसंबर तक निर्णय लेने को कहा था। भाजपा टीम के साथ बातचीत के बाद तीनों अधिकारियों ने 15 दिसंबर को इस आधार पर रैलियों के लिए मंजूरी देने से इनकार कर दिया कि इससे सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है। प्रदेश भाजपा ने राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ फिर से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़