HC ने दिए TPF के लिए पुलिसकर्मियों को वन विभाग भेजने के आदेश
![HC orders to send policemen to forest department for TPF HC orders to send policemen to forest department for TPF](https://images.prabhasakshi.com/2017/9/_650x_2017091616421871.jpg)
अदालत के पूर्व के आदेश के अनुपालन में प्रमुख सचिव, वन की ओर से हलफनामा देते हुए कहा गया कि फोर्स के गठन के लिए 112 पुलिसकर्मियों की मांग गृह विभाग से की गई है।
लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने गृह विभाग को स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स (TPF) के गठन के लिए छह सप्ताह में 112 पुलिसकर्मियों को वन विभाग भेजने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अदालत ने इटावा लॉयन सफारी तथा दुधवा टाइगर रिजर्व के निदेशकों के खिलाफ गलत साक्ष्य देने के आरोप पर दोनों से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति डीएस त्रिपाठी की बेंच ने यह आदेश सतीश कुमार मिश्रा की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया।
अदालत के पूर्व के आदेश के अनुपालन में प्रमुख सचिव, वन की ओर से हलफनामा देते हुए कहा गया कि फोर्स के गठन के लिए 112 पुलिसकर्मियों की मांग गृह विभाग से की गई है। वहीं प्रमुख सचिव, गृह की ओर से दाखिल जवाबी हलफनामे में कहा गया कि वन विभाग का अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है और तीन माह में पुलिसकर्मियों की सूची तैयार कर ली जाएगी। इस पर अदालत ने कहा कि तीन माह का समय लम्बा है, छह सप्ताह में पुलिसकर्मियों को ऑन डेप्युटेशन वन विभाग भेजा जाए। वहीं याची ने एक प्रार्थना पत्र देते हुए इटावा लॉयन सफारी के निदेशक पिनाकी प्रसाद सिंह व दुधवा टाइगर रिजर्व के निदेशक सुनील चौधरी पर मामले में गलत साक्ष्य देने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू किए जाने की मांग की।
इस पर अदालत ने दोनों निदेशकों को अपना-अपना जवाब देने का आदेश दिया। रेलवे की ओर से भी मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिए जाने की मांग की गई, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। पिछली सुनवाई के दौरान दुधवा नेशनल पार्क के बीचो-बीच से गुजरने वाली रेलवे लाइन को हटाकर बड़ी लाइन के निर्माण पर चिंता जाहिर की गई थी जिस पर अदालत ने रेलवे से जवाब मांगा था। मामले की अगली सुनवाई एक नवम्बर को होगी।
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