सिंधिया परिवार से जुड़े कमलाराजे ट्रस्ट को लेकर उच्च न्यायालय ने सरकार को किया नोटिस जारी

Kamalaraje Trust
दिनेश शुक्ल । Jul 15 2020 9:55PM

कांग्रेस मीडिया प्रभारी ग्वालियर-चंबल के.के. मिश्रा ने याचिकाकर्ता ऋषभ भदौरिया की दायर याचिका को प्रथमदृष्टया संज्ञान लिये जाने पर न्याय की पहली सीढी की जीत बताया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि विश्वस्त भारतीय न्यायपालिका आगामी दिनों अपने ऐतिहासिक फैसले से भू-माफियाओं के असली चेहरों को भी बेनकाब करेगी।

भोपाल। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने सिंधिया परिवार से जुड़े कमलाराजे ट्रस्ट के नाम की गई जमीन को लेकर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। कांग्रेस का आरोप है कि अवैध तरीके से अधिकारियों से साठगांठ कर करोडों रूपयों की शासकीय भूमि ट्रस्ट के नाम दर्ज करवाई गई। वही कमलाराजे ट्रस्ट के नाम की गई जमीन को लेकर याचिकाकर्ता ऋषभ भदौरिया द्वारा उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ में दायर याचिका पर मंगलवार को सुनाई करते हुए उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। 

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मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ग्वालियर-चंबल संभाग मीडिया प्रभारी के.के. मिश्रा ने भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभुत्व वाले ग्वालियर के कमलाराजे ट्रस्ट द्वारा अवैध तरीके से अधिकारियों से साठगांठ कर करोडों रूपयों की शासकीय भूमि ट्रस्ट के नाम दर्ज कराये जाने को आरोप लगाए। कांग्रेस मीडिया प्रभारी ग्वालियर-चंबल के.के. मिश्रा ने याचिकाकर्ता ऋषभ भदौरिया की दायर याचिका को प्रथमदृष्टया संज्ञान लिये जाने पर न्याय की पहली सीढी की जीत बताया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि विश्वस्त भारतीय न्यायपालिका आगामी दिनों अपने ऐतिहासिक फैसले से भू-माफियाओं के असली चेहरों को भी बेनकाब करेगी।

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उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ऋषभ भदौरिया ने उक्त ट्रस्ट की शहर ग्वालियर, ग्राम महलगांव, ग्वालियर हल्का नं. 61 सिटी सेंटर की बहुमूल्य शासकीय भू-संपत्ति सर्वे क्रमांक- 398, 302, 419, 420, 421, 1235, 1201, 1236, 1342, 401, 1243, 402, 403, 406, 415, 416, 418,  397, 417, 411, 412, 413 को अधिकारियों से साठगांठ कर अवैध रूप से बिना किसी वैद्यानिक प्रक्रिया को अमल में लाये बगैर अंयत्र लाभ पहुंचाने एवं खुर्द-बुर्द करने की दृष्टि से हथिया लेने के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिसकी पहली सुनवाई मंगलवार को न्यायमूर्ति राजीव श्रीवास्तव एवं शीलनागू के समक्ष हुई। शासन की ओर से एडव्होकेट जनरल पुरषेन्द्र कौरव उपस्थित हुये। दोनो पक्षों की दलिल सुनने के बाद माननीय न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर आगामी 27 जुलाई की तिथि तक जबाव देने के लिये कहा है।

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