Himachal: कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान कुछ दुकानों और टेंट में लगी आग

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अधिकारियों ने बताया कि आग लगने पर ‘रथों’ को हटा लिया गया था। आग से प्रभावित लोगों के लिए अस्थाई इंतजाम किए गए हैं। उपायुक्त ने बताया कि आग लगने के कारणों के बारे में फिलहाल पता नहीं चल पाया है। आग से नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार देर रात कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान कुछ दुकानों और टेंट में आग लग गई, जिसमें दो लोग मामूली रूप से झुलस गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

कुल्लू के उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि आग बुझाते वक्त दो लोग झुलस गए जिनमें से एक को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना अदालत परिसर के सामने दशहरा मैदान में हुई।

उन्होंने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया। सप्ताह भर का यह उत्सव 24 अक्टूबर को प्रारंभ हुआ था। गर्ग ने कहा, ‘‘जूतों और प्लास्टिक की कुछ दुकानें पूरी तरह से या आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हो गईं। आग से सात से आठ टेंट भी जल गए जिनमें देवी-देवताओं के ‘रथ’ रखे हुए थे। ये रथ कुल्लू दशहरा उत्सव के लिए लाए गए थे।’’

अधिकारियों ने बताया कि आग लगने पर ‘रथों’ को हटा लिया गया था। आग से प्रभावित लोगों के लिए अस्थाई इंतजाम किए गए हैं। उपायुक्त ने बताया कि आग लगने के कारणों के बारे में फिलहाल पता नहीं चल पाया है। आग से नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

कुल्लू दशहरा उत्सव विजयदशमी के दिन 24 अक्टूबर को भगवान रघुनाथ की पारंपरिक रथ यात्रा के साथ शुरू हुआ था। इस उत्सव की शुरुआत 17वीं शताब्दी में हुई थी, राजा जगत सिंह ने अपने सिंहासन पर भगवान रघुनाथ की एक मूर्ति स्थापित की थी। इसके बाद से भगवान रघुनाथ को कुल्लू घाटी का शासक देवता घोषित किया गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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