असम में हिमंत सरकार के सौ दिन पूरे: सीमा विवाद को लेकर सुर्खियों में रहे, हिंदुत्ववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने का लगा आरोप

Himanta government
अंकित सिंह । Aug 21 2021 11:27AM

हिमंत बिस्व सरमा गहन उग्रवाद विरोधी अभियान, नशीली दवाओं और मानव तस्करी पर कार्रवाई, उग्रवादियों की मुठभेड़ में मौत और पड़ोसी राज्यों के साथ बढ़ते सीमा विवाद जैसे कई मुद्दे सुर्खियों में रहे।

असम में हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व में भाजपा सरकार के 100 दिन पूरे हो गए है। अगर देखा जाए तो इन 100 दिनों में हिमंत बिस्व सरमा और उनकी सरकार सुर्खियों में रही। कभी जनसंख्या वाले बयान को लेकर तो कभी नशीली दवाओं को मुखाग्नि देने को लेकर तो कभी मवेशी संरक्षण विधेयक को लेकर। इन 100 दिनों में खासकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर हिंदुत्ववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप तो लगा ही साथ ही साथ पड़ोसी राज्यों से विवाद उनके लिए कई चुनौतियां लेकर सामने आया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर जो बयान दिया था उसके बाद से असम की राजनीति गर्म हो गई थी। इसके अलावा असम में एक ऐसा विधेयक पारित कराया गया है जिसके बाद राज्य में बीफ को लेकर नए तरह के कानून बन गए हैं। असम विधानसभा में मवेशियों के वध, उपभोग और परिवहन को विनियमित करने के प्रावधान वाला विधेयक पारित किया गया। इस कानून के जरिये यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि हिंदू, जैन, सिख और अन्य गैर-बीफ खाने वाले समुदायों या मंदिर और किसी भी अन्य संस्थान के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में पशु वध की अनुमति न दी जाए।

हिमंत बिस्व सरमा गहन उग्रवाद विरोधी अभियान, नशीली दवाओं और मानव तस्करी पर कार्रवाई, उग्रवादियों की मुठभेड़ में मौत और पड़ोसी राज्यों के साथ बढ़ते सीमा विवाद जैसे कई मुद्दे सुर्खियों में रहे। सरमा ने कहा कि इस साल मई से अब तक पुलिस के साथ मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए हैं जबकि 65 अन्य को गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार को कार्यालय में 100 दिन पूरे करने के अवसर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान भारी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किए गए जबकि कई उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया। सरमा पूर्वोत्तर राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि उग्रवादी संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनएलएफबी) के नेता ने 21 अन्य सदस्यों के साथ 22 जुलाई को आत्मसमर्पण किया था और अब तक संगठन के 99 सदस्य आत्मसमर्पण कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि एनएलएफबी के अन्य 130 उग्रवादियों के जल्द ही आत्मसमर्पण करने की संभावना है, जबकि कुकी नेशनल लिबरेशन आर्मी के 27 उग्रवादियों ने भी हाल ही में आत्मसमर्पण किया था और कार्बी आंगलोंग में हथियार और गोला-बारूद जमा कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मई से अब तक मादक पदार्थ की तस्करी पर कार्रवाई के बाद 1,912 लोगों को गिरफ्तार किया है और अब तक 1,115 मामले दर्ज किए गए हैं। 

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सरमा ने कहा, ‘‘हम नशीली दवाओं के खतरे से सख्ती से निपटना जारी रखेंगे और नशीली दवाओं से मुक्त असम के अपने मिशन को हासिल करेंगे।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव तस्करी के खिलाफ अभियान में एक बड़ी सफलता के रूप में 175 पीड़ितों को बचाया गया, 36 मामले दर्ज किए गए और 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि कई वर्षों में पहली बार लोगों ने खुले मन से स्वतंत्रता दिवस मनाया और उस दिन किसी भी संगठन ने बंद का आह्वान नहीं किया। असम को हाल में पड़ोसी राज्यों के साथ सीमा समस्याओं का सामना करना पड़ा, विशेष रूप से मिजोरम के साथ, और विवादों को हल करने के प्रयास जारी हैं। सरमा ने कहा, ‘‘पिछले 100 दिनों में, हमने दशकों पुराने लंबे विवादों को खत्म करने के लिए पर्याप्त प्रगति की है, खासकर नगालैंड, मेघालय और मिजोरम के साथ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले पांच वर्षों को असम के इतिहास का गौरवशाली युग बनाने के लिए हमने अपने 100 दिनों का उपयोग कुछ परिवर्तनकारी दिनों की नींव रखने के लिए किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले 100 दिनों के बाद मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि नए भारत के निर्माण में असम का योगदान 100 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।

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