हिमाचल में विधानसभा चुनाव से पहले खालिस्तानी समर्थक अचानक कैसे हुए सक्रिय?
मोरिंडा के एसएचओ असविंदर सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बाहर खालिस्तान के झंडे लगाने के मामले में हिमाचल प्रदेश और पंजाब पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन कर शुगर मिल के पास से हरवीर सिंह नाम के व्यक्ति को पकड़ा है। हिमाचल प्रदेश पुलिस आगे की पूछताछ के लिए इसको अपने साथ लेकर गई है।
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने धर्मशाला में राज्य की शीतकालीन विधानसभा के मुख्य द्वार पर खालिस्तान के झंडे लगाने और उसकी दीवारों पर नारे लिखने के मामले में बुधवार को पंजाब से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि इस घटना को अंजाम देने में दो आरोपी शामिल हैं। एक आरोपी को आज सुबह पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
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मोरिंडा के एसएचओ असविंदर सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बाहर खालिस्तान के झंडे लगाने के मामले में हिमाचल प्रदेश और पंजाब पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन कर शुगर मिल के पास से हरवीर सिंह नाम के व्यक्ति को पकड़ा है। हिमाचल प्रदेश पुलिस आगे की पूछताछ के लिए इसको अपने साथ लेकर गई है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित राज्य विधानसभा परिसर के मुख्य द्वार पर खालिस्तान के झंडे लटके पाये जाने और इसकी दीवारों पर कुछ आपत्तिजनक नारे लिखे जाने के मामले में पुलिस ने रविवार को सिख फॉर जस्टिस संगठन के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) समेत अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया था।
विधानसभा चुनाव से पहले क्यों सक्रिय खालिस्तानी
हिमाचल प्रदेश पहले पंजाब का ही हिस्सा हुआ करता था। 1966 में पंजाब से अलग होकर हिमाचल प्रदेश राज्य बना। लेकिन प्रदेश में सिख समुदाय की आबादी मुस्लिम समाज से भी कम है और इनकी संख्या 2 फीसदी से भी कम की बताई जाती है। लेकिन फिर भी धर्मशाला से लेकर कांगड़ा तक सिख समुदाय काफी मजबूत माने जाते हैं। हाल ही में हिमाचल प्रदेश की सरकार की तरफ से ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह के झंडे वाले वाहनों के राज्य में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिससे आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस बौखलाया हुआ था। राज्य में चुनाव भी होने हैं और इसको देखते हुए खालिस्तानी समर्थक सक्रिय हो गए। राज्यों में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों और कथित तौर पर छह जून को खालिस्तान 'जनमत संग्रह दिवस' घोषित किए जाने की खबरों के बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक ने सीमाओं को 'सील' करने के साथ ही संवेदनशील इलाकों को अलर्ट मोड पर रखा हैं।
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