हुर्रियत नेता को पाक विदेश मंत्री से मिलता है निर्देश, भारत ने चेताया
विदेश सचिव विजय गोखले ने बुधवार की रात पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहैल महमूद को तलब किया और उनसे दो टूक कहा कि कुरैशी की हरकत भारत की एकता एवं क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने का ‘‘दुस्साहस’’ है।
नयी दिल्ली। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक के बीच फोन पर हुई बातचीत और फिर पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की ओर से इस बाबत जारी किए गए बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई की है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि मुख्य रूप से ‘‘बहुत सख्त’’ संदेश देने के लिए यह प्रतिक्रिया जाहिर की गई ताकि कुछ ‘‘हदें’’ पार नहीं की जानी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि खासकर भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान के उस बयान पर रोष व्यक्त किया जिसमें कश्मीर मुद्दे पर केंद्रित बातचीत का ब्योरा साझा किया गया। उन्होंने बताया कि हो सकता है कि पाकिस्तानी नेताओं ने अतीत में भी कश्मीर में अलगाववादियों से फोन पर बातचीत की हो, लेकिन हालिया समय में पहली दफा पाकिस्तान ने बयान जारी कर बातचीत के बिंदुओं का भी जिक्र किया। भारत का मानना है कि यह साफ तौर पर हदें पार करने का मामला है।
Weekly Media Briefing by Official Spokesperson (january 31, 2019) https://t.co/RGTSGRO7UL
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) January 31, 2019
विदेश सचिव विजय गोखले ने बुधवार की रात पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहैल महमूद को तलब किया और उनसे दो टूक कहा कि कुरैशी की हरकत भारत की एकता एवं क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने का ‘‘दुस्साहस’’ है। पाकिस्तानी उच्चायुक्त को ‘‘आगाह’’ किया गया कि ऐसा बर्ताव जारी रखने के नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि यदि पाकिस्तान ने भारत की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया तो उसे कैसे ‘‘नतीजे’’ भुगतने होंगे, इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि उन्हें इतनी छूट नहीं है कि वह ‘‘नतीजों’’ का पैमाना बता सकें।
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उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के विदेश मंत्री की हरकत न सिर्फ भारत के अंदरूनी मामलों में सीधा दखल है बल्कि यह आतंकवाद एवं भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़े अन्य लोगों को भी बढ़ावा देता है।’’ प्रवक्ता ने इन सवालों के जवाब नहीं दिए कि क्या सरकार मीरवाइज को आतंकवादी मानती है। जैसे को तैसा वाली कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने गुरुवार को इस्लामाबाद में भारत के उच्चायुक्त को तलब किया और नई दिल्ली में अपने उच्चायुक्त को तलब किए जाने पर विरोध जताया।
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