'मैं पंडित नेहरू की आलोचना नहीं कर सकता', राजनाथ बोले- किसी की नीति खराब हो सकती है, नियत नहीं
राजनाथ ने कहा कि भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए हमारे सेना ने जो योगदान दिया है उसे भारत कभी भूल नहीं सकता है और देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए जिन जवानों ने शहादत दी है मैं उन सभी जवानों की स्मृति में शीश झुकाकर नमन करता हूं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। उन्होंने जम्मू में कारगिल विजय दिवस समारोह में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वालों को हम याद करते हैं। हमारी सेना ने हमेशा देश के लिए यह सर्वोच्च बलिदान दिया है। 1999 के युद्ध में हमारे कई बहादुर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी, मैं उन्हें नमन करता हूं। इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में भारत आज आत्मनिर्भर हो रहा है। आज जो भारत बोलता है पूरी दुनिया सुनती है।
इसे भी पढ़ें: जाति प्रमाण पत्र को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक बवाल, रक्षा मंत्री बोले- सेना में भर्ती के लिए पुरानी व्यवस्था ही जारी
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि जब पंडित नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे तो 1962 में चीन ने हमारे लद्दाख क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। हालांकि रक्षा मंत्री ने यह भी साफ तौर पर कहा कि मैं किसी प्रधानमंत्री की बुराई नहीं करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं पंडित नेहरू की आलोचना नहीं कर सकता। किसी की नीति खराब हो सकती है, नियत नहीं। उन्होंने कहा कि भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए हमारे सेना ने जो योगदान दिया है उसे भारत कभी भूल नहीं सकता है और देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए जिन जवानों ने शहादत दी है मैं उन सभी जवानों की स्मृति में शीश झुकाकर नमन करता हूं।
इसे भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ होंगे एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, जेपी नड्डा ने किया ऐलान
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि आज़ादी के बाद से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का ये पूरा इलाका 'मेन वॉर थिएटर' बना हुआ है। आज़ादी के बाद से ही इस पूरे इलाके पर दुश्मनों की गिद्ध दृष्टि लगी हुई थी लेकिन भारतीय सेनाओं ने अपने पराक्रम और बलिदान के परिणास्वरूप दुश्मनों के मंसूबों को नाकाम किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर पर भारत की संसद में प्रस्ताव पारित हुआ था। पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा था, भारत का हिस्सा है और रहेगा। ये कैसा हो सकता है कि शिव के स्वरूप बाबा अमरनाथ हमारे यहां हो और मां शारदा शक्ति स्वरूपा LoC के पार हो। इस दौरान आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबले भी वहां मौजूद रहे।
J&K | In 1962 China captured our area in Ladakh, with Pandit Nehru as our PM. I will not question his intentions. Intentions can be good but the same does not apply to policies. However, today's India is one of the most powerful countries in the world: Defence Min Rajnath Singh pic.twitter.com/bpuUFFMVzv
— ANI (@ANI) July 24, 2022
अन्य न्यूज़