अमरोहा में 23 दिन के मासूम ने सोते हुए दम तोड़ा, मौत की वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

In Amroha a 23 day old infant died in his sleep
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एकता । Dec 10 2025 4:29PM

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में 23 दिन के नवजात की माता-पिता के साथ सोते समय दम घुटने से मौत हो गई। चार साल के इंतजार के बाद मिले बच्चे की इस दुखद घटना से गाँव सदमे में है। सीएचसी के डॉक्टर योगेंद्र सिंह ने आशंका जताई कि बच्चे की मौत गलती से दबने के कारण हुई। उन्होंने माता-पिता को ठंड में नवजात के साथ सोते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है।

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के सिहाली जागीर गांव में एक अत्यंत दुखद घटना सामने आई है। यहां अपने माता-पिता के साथ सोते समय कथित तौर पर दम घुटने से मात्र 23 दिन के एक बच्चे की मौत हो गई। पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को इस घटना की जानकारी दी। इस घटना से पूरा गांव सदमे में है, वहीं डॉक्टरों ने नवजात शिशुओं को सुरक्षित तरीके से सुलाने के महत्व पर नई चेतावनी जारी की है।

बच्चे के माता-पिता, जिन्होंने चार साल के लंबे इंतजार के बाद उसे पाया था, रविवार रात को अपने बच्चे के साथ सो रहे थे। जब वे सुबह जागे, तो उन्होंने पाया कि बच्चा शांत और बेजान था। घबराए हुए दंपति तुरंत उसे गजरौला के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर ले गए। हालांकि, सीएचसी के इंचार्ज डॉक्टर योगेंद्र सिंह ने जांच के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया।

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डॉ. योगेंद्र सिंह ने बताया कि माता-पिता बहुत परेशान थे और दुख में एक-दूसरे को दोष दे रहे थे। उन्होंने किसी भी तरह की पुलिस शिकायत दर्ज कराए बिना बच्चे को लेकर घर लौटने का फैसला किया। डॉक्टर ने आशंका जताई है कि बच्चे की मौत गलती से दबने के कारण दम घुटने से हुई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सर्दियों के मौसम में जब परिवार गर्मी के लिए एक साथ सोते हैं, तो नवजात शिशुओं के साथ इस तरह के जोखिम बढ़ जाते हैं।

डॉ. सिंह ने सभी माता-पिता को सलाह दी है कि उन्हें नवजात शिशुओं के साथ सोते समय बहुत सावधान रहना चाहिए, खासकर ठंडे मौसम में। उन्होंने जोर देकर कहा कि छोटे शिशुओं में गलती से दम घुटने का खतरा अधिक होता है।

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इस घटना के बाद, मेडिकल विशेषज्ञों ने सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम (SIDS) के बारे में भी अपनी चेतावनी दोहराई है। SIDS एक साल से कम उम्र के बच्चे की अचानक, बिना किसी ज्ञात कारण के होने वाली मौत होती है, जो आमतौर पर सोते समय होती है। SIDS के अधिकांश मामले 1 से 4 महीने की उम्र के बीच होते हैं और ठंडे महीनों में इसके मामले बढ़ने की संभावना होती है। डॉक्टरों ने बताया कि SIDS से मरने वाले शिशुओं के ऑटोप्सी (पोस्टमॉर्टम) में आमतौर पर मौत का कारण बताने वाली कोई स्पष्ट आंतरिक या बाहरी चोट नहीं मिलती है।

इस दुखद मौत ने सिहाली जागीर गांव में शोक का माहौल बना दिया है, जहां यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हर किसी के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।

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