जून में Bihar में बढ़ेगा सियासी पारा! नीतीश की विपक्षी एकजुटता की कोशिश के बीच PM Modi भी भरेंगे हुंकार

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ANI
अंकित सिंह । Jun 2 2023 5:17PM

बिहार इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी के जनसंपर्क कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए अगले महीने राज्य के दौरे की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

बिहार की सियासत के लिए जून का महीना बेहद गर्म रहने वाला है। एक ओर जहां मौसम की गर्मी होगी तो वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष और विपक्ष का वार-पलटवार होगा। 2024 चुनाव को लेकर बिहार बड़ा अखाड़ा बनता नजर आ रहा है। बिहार से ही 2024 चुनाव को लेकर एक नया अध्याय लिखने की शुरुआत हो रही है। लेकिन सबकी निगाहें फिलहाल 12 जून पर है। 12 जून को जहां नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता को लेकर बड़ी बैठक करेंगे तो वहीं खबर यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली इस दिन बिहार में हो सकती है। हालांकि, मोदी की रैली को लेकर कोई तिथि का निर्धारण नहीं हुआ है।

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भाजपा का दावा

बिहार इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी के जनसंपर्क कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए अगले महीने राज्य के दौरे की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह दौरा राज्यव्यापी महासंपर्क अभियान के दौरान होगा जो बुधवार को शुरू हुआ और 30 जून को समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि जैसा कि हाल ही में कहा गया है, हमने प्रधानमंत्री से महासंपर्क अभियान के दौरान बिहार का दौरा करने का आग्रह किया था। हमें सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। उन्होंने कहा कि तारीख तय होने के बाद हम आगे की जानकारी साझा करेंगे।

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नीतीश कुमार की बैठक

2024 चुनाव को लेकर 12 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक होगी। इसको लेकर विपक्षी दलों के बीच सहमति बन गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कई दिनों से विपक्षी एकता की कवायद में जुटे हुए थे। उन्हीं की मेजबानी में यह बैठक हो रही है। कई विपक्षी दलों की ओर से इस बैठक को लेकर दिए गए निमंत्रण को भी स्वीकार कर लिया गया है। कांग्रेस समाजवादी पार्टी पहले ही इस बैठक में शामिल होने के लिए अपनी रजामंदी दे चुकी है। तो वहीं, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जैसे प्रमुख राजनीतिक दल भी इस बैठक में शामिल होंगे।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के लिए एक साल से भी कम समय बचा है। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 2019 में प्रदेश की 40 लोकसभा सीटों में से एक को छोडकर सभी पर जीत हासिल की थी लेकिन पिछले साल अगस्त में उसके बिहार में सत्ता से बाहर हो जाने के बाद से पार्टी को राज्य में कठिन दौर का सामना करना पड़ रहा है।

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