अगले 5 साल में रक्षा निर्यात को बढ़ाकर 35,000 करोड़ रुपए करने का लक्ष्य: PM मोदी

in-the-next-5-years-were-targeting-to-take-the-number-to-rs-35-000-cr-says-pm-modi
[email protected] । Feb 5 2020 4:14PM

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को इस दिशा में अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए देश के रक्षा निर्यात को अगले पांच साल में बढ़ाकर 35,000 करोड़ रुपये करने के लक्ष्य की घोषणा की।

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को इस दिशा में अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए देश के रक्षा निर्यात को अगले पांच साल में बढ़ाकर 35,000 करोड़ रुपये करने के लक्ष्य की घोषणा की। यहां 11वीं रक्षा प्रदर्शनी (डिफेंस एक्सपो) के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे बड़े आकार का देश रक्षा उपकरणों के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर नहीं रह सकता है। उन्होंने बताया कि कैसे इस निर्भरता को कम करने के लिए ‘‘मेक इन इंडिया, फॉर इंडिया फॉर वर्ल्ड’ (भारत में बनाओ, भारत के लिए, दुनिया के लिए) के तहत पिछले पांच साल में देश में जारी रक्षा लाइसेंसों की संख्या 210 से बढ़कर 460 हो गई है।

इसे भी पढ़ें: PM मोदी ने किया 11वें डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन, कहा- यूपी बनेगा सबसे बड़ा हब, रोजगार के नए अवसर बनेंगे

उन्होंने रक्षा उपकरणों सहित अन्य रक्षा उत्पादों के निर्यात पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2014 में भारत का रक्षा उपकरणों का निर्यात करीब 2,000 करोड़ रुपये का था जो पिछले दो साल में बढ़कर 17,000 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य अगले पांच साल में रक्षा निर्यात को बढ़ाकर 35,000 करोड़ रुपये करने का है।’’ रक्षा क्षेत्र में भारत के सबसे बड़े आयातक देश बनने के लिए पिछले दशकों की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वक्त भारत आर्टिलरी, बंदूकों, तोपों, विमान वाहक पनडुब्बियों, हल्के लड़ाकू विमानों और लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का निर्माण कर रहा है।

इसे भी पढ़ें: पहले ही दिन इस कार की हुई 3500 से ज्यादा की Booking! जानें कीमत और फिचर्स

प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग, आतंकवाद और साइबर अपराध के खतरों की चुनौतियों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन नए खतरों से मुकाबला करने के लिए रक्षा बलों को नयी प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश में प्रधान रक्षा अध्यक्ष और सैन्य मामलों के विभाग के गठन से समग्र रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी रक्षा तैयारी किसी देश को लक्ष्य बनाकर नहीं है क्योंकि भारत विश्व शांति में भरोसेमंद भागीदार रहा है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम ना सिर्फ अपने देश की बल्कि पड़ोसी देशों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़