Prabhasakshi NewsRoom: जनता कह रही- जैसे महामारी के लिए टीका बना वैसे महंगाई काबू करने का भी टीका बने

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हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चार नवंबर, 2021 से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें स्थिर बनी हुई थीं। हालांकि, इस अवधि में कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी।

नमस्कार न्यूजरूम में आप सभी का स्वागत है। महामारी से निजात मिली तो महंगाई ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। लोग कह रहे हैं मोदीजी जैसे महामारी के खात्मे के लिए टीका बनाया वैसा ही कोई टीका महंगाई खत्म करने के लिए बना दीजिये। जी हाँ, दूध-सब्जी, पेट्रोल-डीजल-एलपीजी-सीएनजी-पीएनजी सबके दामों में वृद्धि ने महंगाई को सातवें आसमान पर पहुँचा दिया है। एक तरफ सूरज की बढ़ती गर्मी ने देश के अधिकांश हिस्सों में लोगों को गर्मी से परेशान कर रखा है तो दूसरी ओर खाने-पीने से लेकर उपयोग की हर वस्तु के दाम बढ़ते जाने से लोग परेशान हैं। जहां तक पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि की बात है तो आपको बता दें कि इनकी कीमतों में शुक्रवार को एक बार फिर 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। चार दिनों में तीसरी बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की तरफ से जारी मूल्य अधिसूचना के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब 97 रुपये 81 पैसे प्रति लीटर और डीज़ल की कीमत बढ़कर 89 रुपये 07 पैसे हो गई है। पेट्रोल तथा डीज़ल की कीमतें रिकॉर्ड 137 दिन तक स्थिर रहने के बाद 22 मार्च को बढ़ाई गई थीं। इसके बाद 23 मार्च को भी इनकी कीमतों में प्रति लीटर 80 पैसे की बढ़ोतरी की गई थी।

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हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चार नवंबर, 2021 से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें स्थिर बनी हुई थीं। हालांकि, इस अवधि में कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही पेट्रोल एवं डीज़ल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन पेट्रोलियम कंपनियों ने कुछ दिन और इंतजार किया। ऐसा कहा जा रहा है कि अब पेट्रोलियम विपणन कंपनियां अपने घाटे की भरपाई कर रही हैं। इस बीच, ‘क्रिसिल रिसर्च’ के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में हुई वृद्धि से पूरी तरह से पार पाने के लिए दरों में नौ से 12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की आवश्यकता है। इसलिए हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में पेट्रोल की कीमत 110 रुपए तक पहुँच कर स्थिर हो। हम आपको बता दें कि भारत अपनी तेल की जरूरतें पूरी करने के लिए आयात पर 85 फीसदी निर्भर है।

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इसके अलावा दिल्ली में सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस पीएनजी की कीमतें भी एक रुपये तक बढ़ा दी गई हैं। इस महीने में सीएनजी की कीमत में तीसरी बार बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले दोनों बार सीएनजी की कीमत में 50-50 पैसे प्रति किलो की बढ़ोतरी की गई थी। दिल्ली में सीएनजी की खुदरा बिक्री करने के साथ पीएनजी की आपूर्ति करने वाली इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने अपनी वेबसाइट पर नई दरों की घोषणा की। हम आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राकृतिक गैस की कीमतों में हुई वृद्धि की वजह से यह बढ़ोतरी की गई है। इस साल अब तक सीएनजी के दाम 5.50 रुपये प्रति किलो तक बढ़ चुके हैं। तेल और गैस के दामों में वृद्धि से जनता बेहद परेशान है।

दूसरी तरफ महंगाई बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बन चुका है। संसद में रोजाना विपक्ष यह मामला उठा रहा है। शिवसेना प्रवक्ता ने तो कह दिया है कि बीजेपी की राजनीति का यही स्टाइल है। चुनाव खत्म और महंगाई शुरू। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि सिर्फ विधानसभा चुनावों की वजह से पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि रोकी गयी थी और अब जब भाजपा ने वोट ले लिये हैं तो दाम बढ़ाने की कंपनियों को छूट दे दी।

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