भारत का आंतरिक मामला है अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाना: वेंकैया नायडू
उपराष्ट्रपति के सचिवालय ने बयान जारी कर बताया कि भारत में फ्युरे का स्वागत करते हुए नायडू ने दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट द्विपक्षीय संसदीय संबंधों पर प्रसन्नता जाहिर की। कनाडा के सीनेट अध्यक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी मुलाकात की।
नयी दिल्ली। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कनाडा सीनेट के अध्यक्ष जार्ज जे फ्यूरे को गुरूवार को बताया कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को वापस लिया जाना भारतीय नागरिकों के कल्याण से संबंधित एक ‘‘आंतरिक प्रशासनिक निर्णय’’ है और संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत के साथ यह निर्णय किया गया है।
The Vice President of India and Chairman of Rajya Sabha, Shri M Venkaiah Naidu with Canadian Senate Speaker George J. Furey in Parliament today. #India #Canada @SenateCA pic.twitter.com/tvs1Gt9SFS
— Vice President of India (@VPSecretariat) February 13, 2020
उपराष्ट्रपति के सचिवालय ने बयान जारी कर बताया कि भारत में फ्युरे का स्वागत करते हुए नायडू ने दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट द्विपक्षीय संसदीय संबंधों पर प्रसन्नता जाहिर की। जब आगंतुक शिष्टमंडल के नेता ने जम्मू कश्मीर के घटनाक्रम पर उनका विचार जानना चाहा तो नायडू ने कहा कि अनुच्छेद 370 को अस्थायी प्रावधान के तौर पर समावेशित किया गया था और सीमाई इलाका होने के कारण यह पाकिस्तान और चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है, इस क्षेत्र में अलगाववाद को प्रायोजित किया गया था और बाहरी लोगों ने इसका इस्तेमाल कियाथा।
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अनुच्छेद 370 को संविधान में अस्थायी प्रावधान के तौर पर शामिल किये जाने को रेखांकित करते हुए नायडू ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को वापस लिया जाना भारतीय नागरिकों के कल्याण से संबंधित एक ‘‘आंतरिक प्रशासनिक निर्णय’’ है और संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार यह संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत के साथ यह निर्णय किया गया है। कनाडा के सीनेट अध्यक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी मुलाकात की।
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