भारत वैवाहिक बलात्कार की अनदेखी करने वाले कुछ लोकतंत्रों में से एक : Shashi Tharoor

भारत में मजबूत बलात्कार विरोधी कानून है, लेकिन पतियों के लिए अपवाद भी हैं, जो किसी महिला की सहमति के बिना वैवाहिक बलात्कार के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, उन्हें (पतियों को) छूट क्यों दी जानी चाहिए?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि कड़े बलात्कार विरोधी कानून होने के बावजूद भारत उन कुछ लोकतंत्रों में से एक है, जहां वैवाहिक बलात्कार को उतनी गंभीरता से नहीं देखा जाता, जितनी गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
प्रभा खेतान फाउंडेशन और फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन के सहयोग से आयोजित एक कार्यक्रम में थरूर ने कहा, “मैं यह देखकर हैरान हूं कि भारत उन कुछ लोकतंत्रों में से एक है जहां पति द्वारा पत्नी की सहमति के बिना शारीरिक संबंध बनाने के मामले को उसकी आवश्यक गंभीरता के साथ नहीं देखा जाता।”
उन्होंने बताया कि हालांकि भारत में मजबूत बलात्कार विरोधी कानून है, लेकिन पतियों के लिए अपवाद भी हैं, जो किसी महिला की सहमति के बिना वैवाहिक बलात्कार के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, उन्हें (पतियों को) छूट क्यों दी जानी चाहिए?
उन्होंने कहा कि अगर कोई अपने जीवन साथी का सम्मान नहीं करता है और वैवाहिक संबंधों का हवाला देकर उसकी इच्छा के विरुद्ध उसके साथ बलात्कार करता है तो यह कानून का उल्लंघन है और महिलाओं के खिलाफ हिंसा है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रावधान एक पुरानी धारणा पर आधारित है कि विवाह एक पवित्र संस्कार है और इसके भीतर जो कुछ भी होता है उसे अन्यथा वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि घरेलू बलात्कार के खिलाफ एक उचित कानून देश में बेहद जरूरी है। हालांकि यह दुखद है कि विशेष मंत्रालय संभालने वाली महिला मंत्रियों ने भी इस तरह के अत्याचारों को रोकने के लिए इस पहलू पर ध्यान नहीं दिया।
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