Andaman and Nicobar द्वीप समूह के ऊपर भारतीय हवाई क्षेत्र 23-24 मई को बंद रहेगा, रिपोर्ट में दी गई जानकारी

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रितिका कमठान । May 23 2025 11:37AM

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह अक्सर भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए रणनीतिक परीक्षण स्थल के रूप में काम करते रहे हैं। जनवरी 2025 में भारत ने इस क्षेत्र में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक साल्वो-मोड परीक्षण किया। इससे पहले, अप्रैल 2024 में देश ने वहां एक हवाई-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था।

अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के ऊपर हवाई क्षेत्र को आज और कल के लिए बंद कर दिया गया है। भारत ने एयरमेन को नोटिस जारी किया है जो कि 23 और 24 मई  के लिए जारी हुआ है। इस नोटिस के मुताबिक 23-24 मई को तीन तीन घंटे के लिए अंडमान का हवाई क्षेत्र बंद रहेगा। इससे अटकलें तेज हो गई है कि मिसाइल या हथियार प्रणाली परीक्षण किया जा सकता है।

जानकारी के मुताबिक नोटिस टू एयरमैन या नोटम के तहत, किसी भी विमान को बंगाल की खाड़ी और द्वीपों के आसपास के अंडमान सागर के ऊपर किसी भी ऊंचाई पर उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। संभावित भूमि हमला मिसाइल परीक्षण ऐसे समय में किया जा रहा है जब भारत-पाकिस्तान सीमा पर शांति कायम है, लेकिन सरकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि पड़ोसी देशों में आतंकी ठिकानों पर हमलों के लिए 7 मई को शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर जारी है। इस क्षेत्र में अंतिम बड़ा परीक्षण जनवरी में ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण था।

बता दें कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह को लेकर ये नोटम 16 मई को जारी किया गया है। इस नोटम के बाद निर्दिष्ट अवधि के दौरान किसी भी ऊंचाई पर निर्दिष्ट हवाई क्षेत्र में नागरिक उड़ानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाता है। हालांकि "नियोजित हवाई गतिविधि" की सटीक प्रकृति का खुलासा नहीं किया गया है, जो कि नोटम में अनिवार्य नहीं है, लेकिन बंद होने के स्थान और अवधि के कारण रक्षा विश्लेषक इसे संभावित मिसाइल परीक्षण के संकेत के रूप में व्याख्या कर रहे हैं।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह अक्सर भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए रणनीतिक परीक्षण स्थल के रूप में काम करते रहे हैं। जनवरी 2025 में भारत ने इस क्षेत्र में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक साल्वो-मोड परीक्षण किया। इससे पहले, अप्रैल 2024 में देश ने वहां एक हवाई-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था, जबकि मार्च 2022 में द्वीप श्रृंखला में एक लॉन्च पैड से एक विस्तारित-रेंज ब्रह्मोस को दागा गया था। मिसाइल परीक्षण की आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा है, लेकिन पिछली गतिविधियों के पैटर्न और वर्तमान प्रतिबंध से यह उम्मीद बढ़ गई है कि भारत एक और महत्वपूर्ण परीक्षण की तैयारी कर रहा है।

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