कश्मीरी छात्र-छात्राओं का डॉक्टर बनने का सपना पूरा करेगा भारतीय सेना का सुपर-50 इंस्टीट्यूट

kashmiri medical students

भारतीय सेना की ओर से शुरू किये गये सुपर-50 के पहले बैच में 20 लड़कियां भी शामिल हैं। यहाँ पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अत्याधुनिक कक्षाएं हैं और उन्हें यहां लाइब्रेरी, कम्प्यूटर लैब, रेस्ट रूम आदि सब सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।

भारतीय सेना की बात ही अलग है। यह देश की सीमाओं की तो रक्षा करती ही है साथ ही तमाम प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत अभियान भी चलाती है और निरन्तर समाज के सभी वर्गों की मदद करती है। खासकर कश्मीर की ही बात करें तो यहाँ के युवाओं का कॅरियर सँवारने के लिए सेना लगातार विभिन्न मोर्चों पर काम कर रही है। कश्मीर में सेना की ओर से सुपर 30 (मेडिकल) इंस्टीट्यूट चलता ही है लेकिन अब इसका विस्तार करते हुए पहली बार सुपर-50 इंस्टीट्यूट शुरू किया गया है। दरअसल सेना जिस गहराई और अनुशासन के साथ पाठ्यक्रम की जानकारी देती है उसके प्रति बड़ी संख्या में कश्मीरी युवा आकर्षित हो रहे हैं। यही कारण है कि सेना को सुपर-50 क्लास शुरू करनी पड़ी है। यहाँ कश्मीर के बच्चों का डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने में मदद मिलेगी। खास बात यह है कि सेना की ओर से संचालित की जा रही इन कक्षाओं में लड़कियों की संख्या भी अच्छी खासी है। सुपर-50 के पहले बैच में 20 लड़कियां भी शामिल हैं। यहाँ पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अत्याधुनिक कक्षाएं हैं और उन्हें यहां लाइब्रेरी, कम्प्यूटर लैब, रेस्ट रूम आदि सब सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। प्रभासाक्षी संवाददाता ने सेना के सुपर-50 संस्थान का जायजा लिया और अधिकारियों तथा छात्र-छात्राओं से बातचीत की। इस दौरान सुपर-50 के लिए चयनित छात्रों के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी।

इसे भी पढ़ें: कश्मीरी केसर की बात ही अलग है, जानिये कैसे होती है इसकी खेती और क्या है असली केसर की पहचान

आतंक का सफाया जारी

सेना जहां एक ओर भारत का भविष्य समझे जाने वाले युवाओं के कॅरियर को सँवार रही है वहीं भारत माता की ओर आंख उठा कर देखने वालों को जहन्नुम की सैर भी करवा रही है। श्रीनगर में हाल में आम नागरिकों की हत्या के मामले में वांछित ‘द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)’ आतंकवादी संगठन के एक स्वयंभू कमांडर समेत तीन आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने बुधवार शाम को मार गिराया। अधिकारियों ने बताया कि शहर के रामबाग इलाके में कुछ देर तक मुठभेड़ चली। उन्होंने कहा कि टीआरएफ का स्वयंभू कमांडर मेहरान शल्ला समेत तीन आतंकवादी एक कार में जा रहे थे जिन्हें सुरक्षा बलों ने रोक लिया। अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों ने जब भागने की कोशिश की तो सुरक्षा बलों ने उन्हें मार गिराया। शहर के जमालता इलाके के रहने वाले मेहरान शल्ला के अलावा दो अन्य आतंकवादी मंजूर अहमद मीर और अराफात शेख थे। ये दोनों पुलवामा के निवासी थे। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन टीआरएफ से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि पिछले महीने श्रीनगर के ईदगाह इलाके में एक स्कूल के भीतर दो शिक्षकों की गोली मारकर हत्या करने समेत अनेक आम नागरिकों की हत्या के सिलसिले में मेहरान शल्ला की सुरक्षा बलों को तलाश थी।

इसे भी पढ़ें: खूबसूरत Srinagar बना UNESCO Creative City, जानिये किन खासियतों के चलते मिली अंतरराष्ट्रीय मान्यता

महबूबा मुफ्ती को विवाद खड़ा करना क्यों भाता है?

अब बात करते हैं महबूबा मुफ्ती की। अपने भड़काऊ और विवादित बयानों के लिए मशहूर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से कहा कि यदि वह ‘कश्मीर रखना’ चाहता है तो अनुच्छेद 370 बहाल करे और कश्मीर मुद्दे का हल करे। उन्होंने कहा कि लोग ‘अपनी पहचान एवं सम्मान’ वापस चाहते हैं और वह भी ब्याज के साथ। बनिहाल के नील गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने ‘‘हमारी किस्मत का फैसला महात्मा गांधी के भारत के साथ किया था, जिसने हमें अनुच्छेद 370 दिया, हमारा अपना संविधान और ध्वज दिया''। उन्होंने कहा कि हम नाथूराम) गोडसे के साथ नहीं रह सकते।

महबूबा ने लोगों से एकजुट होने और ‘‘संविधान द्वारा प्रदत्त विशेष दर्जा बहाल करने के समर्थन में उनके संघर्ष तथा लोगों की पहचान एवं सम्मान की सुरक्षा’’ के लिए अपनी आवाज मुखर करने को कहा। पीडीपी प्रमुख ने कहा, ‘‘हमने महात्मा गांधी के भारत के साथ अपनी किस्मत का फैसला किया, जिसने हमें अनुच्छेद 370, हमारा संविधान और ध्वज दिया। यदि वे हमारी हर चीज छीन लेंगे तो हम भी अपना फैसला वापस ले लेंगे। उन्हें सोचना होगा कि यदि वे अपने साथ जम्मू-कश्मीर को रखना चाहते हैं तो उन्हें अनुच्छेद 370 बहाल करना होगा और कश्मीर मुद्दे का हल करना होगा।’’ महबूबा ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के लोग गोडसे के भारत के साथ नहीं रह सकते। हम महात्मा गांधी का भारत चाहते हैं, भारतीय संविधान से हमें मिली हमारी पहचान और सम्मान वापस चाहते हैं तथा मैं आश्वस्त हूं कि उन्हें ब्याज के साथ इसे लौटाना पड़ेगा।’’ उन्होंने कहा इतहिास गवाह है कि किसी भी शक्तिशाली राष्ट्र ने बंदूक के दम पर लोगों पर शासन नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘‘आप कश्मीर को लाठी या बंदूक के दम पर नहीं रख सकते...महाशक्ति अमेरिका अपनी ताकत के बल पर अफगानिस्तान में शासन करने में नाकाम रहा और उसे वहां से जाना पड़ा।’’

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का नाम लिये बगैर कहा, ‘‘हमारे खुद के कुछ लोग उस वक्त नाराज हो जाते हैं जब मैं जम्मू-कश्मीर में शांति और (कश्मीर) मुद्दे के हल के लिए पाकिस्तान से वार्ता करने की मांग करती हूं। वे मुझे देशद्रोही और राष्ट्र विरोधी करार देते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज वे लोग तालिबान और चीन के साथ भी बातचीत कर रहे हैं, जिसने (चीन ने) लद्दाख में हमारी जमीन हथिया ली है और अरुणाचल प्रदेश में एक गांव भी बसा दिया है।’’ उन्होंने 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा में एक विवादास्पद मुठभेड़ में मारे गये आम लोगों के परिवार के सदस्यों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आज चुनाव नहीं है और मैं आपका वोट नहीं मांग रही। जब चुनाव का समय आएगा, जिसे मन हो उसे आप वोट दें। मैं पीडीपी के लिए आपका समर्थन चाहती हूं ताकि 18 महीने के बच्चे को अपने पिता का शव हासिल करने के लिए सड़क पर फिर से नहीं आना पड़े।’’ उन्होंने भाजपा पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को जाति, नस्ल और धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़