'घुसपैठ गंभीर समस्या, भारत की सीमा सुरक्षा के लिए मजबूत नीति महत्वपूर्ण', केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू का बयान

Kiren Rijiju
ANI
रेनू तिवारी । Aug 23 2025 10:38AM

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने शुक्रवार को कहा कि भारत की सीमा सुरक्षा के लिए एक मजबूत नीतिगत ढांचा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में उल्लेखनीय बदलाव हुए हैं।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने शुक्रवार को कहा कि भारत की सीमा सुरक्षा के लिए एक मजबूत नीतिगत ढांचा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में उल्लेखनीय बदलाव हुए हैं। ‘सीमा पार से घुसपैठ: सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवेश पर प्रभाव’ विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए रीजीजू ने कहा, ‘‘देश की शुरुआत सीमा से होती है। हमारे देश में ज़्यादातर लोग सीमावर्ती इलाकों की समस्याओं को नहीं समझते। सीमा पार से घुसपैठ का सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवेश पर प्रभाव एक गंभीर समस्या है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘2014 से पहले, जब हम सीमा पर जाते थे, तो उस पार के गांवों में सुविधाएं थीं, लेकिन हमारे यहां नहीं थीं। आज, एक मजबूत नीति के तहत, भारत साहस के साथ अपनी जमीन के हर इंच तक पहुंच रहा है।’’

अरुणाचल प्रदेश के निवासी रीजीजू ने कहा कि कई सीमावर्ती गांवों के निवासियों ने बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच की उम्मीद छोड़ दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘2018 में, सड़कें, बिजली और नेटवर्क आखिरकार गुंजी (उत्तराखंड) जैसे दूरदराज के गांवों तक पहुंच गए। 2014 के बाद के नेतृत्व ने एक मज़बूत सीमा नीति शुरू की और अब सकारात्मक बदलाव दिखाई दे रहे हैं।

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इसके अलावा सीमा जागरण मंच, मोतीलाल नेहरू कॉलेज (सांध्यकालीन) और आंतरिक एवं जन सुरक्षा केंद्र (सीआईपीएस) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस सम्मेलन में डीयू, जेएनयू और हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के 174 शोधकर्ताओं और छात्रों ने भाग लिया। सम्मेलन के साथ आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीमा मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने में सीमा जागरण मंच के "क्रांतिकारी कार्य" की प्रशंसा की।

हेमवती विश्वविद्यालय के कुलपति श्रीप्रकाश सिंह ने सीमा संबंधी चिंताओं पर जन जागरूकता के महत्व पर बल दिया, जबकि सीमा जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक मुरलीधर ने कहा कि घुसपैठ विकास में एक बड़ी बाधा बनी हुई है। मुरलीधर ने कहा, "देश की सुरक्षा केवल सेना और पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है; प्रत्येक नागरिक को अपनी भूमिका समझनी चाहिए।" सम्मेलन के संयोजक श्याम नारायण पांडे ने कहा कि सीमा पार से घुसपैठ दक्षिण एशिया को प्रभावित कर रही है, जिससे सुरक्षा, स्थानीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक पहचान प्रभावित हो रही है।

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