शुरुआती रिपोर्ट में परिचालक की मौत का बर्खास्तगी से संबंध नजर नहीं आता : परिवहन मंत्री

Minister Dayashankar Singh
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रामपुर जिले में तीन यात्रियों ने लघुशंका निवारण के लिये बस रुकवायी तो उसने मुस्लिम यात्रियों से कहा कि बस रुकी है तो इतनी देर में वे भी नमाज पढ़कर आ जाएं। मोहित वीडियो में कह रहा है कि इस बीच बस में बैठे किसी यात्री ने नमाज पढ़ रहे मुसाफिरों का वीडियो बनाकर उसे वायरल कर दिया।इसका संज्ञान लेते हुए रोडवेज के वरिष्ठ अधिकारियों ने उसे बर्खास्त कर दिया। बहरहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।

उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा है कि उन्होंने कथित रूप से मुस्लिम यात्रियों को नमाज पढ़ने देने के लिए बस रोकने के आरोप में बर्खास्त किए गए परिचालक द्वारा आत्महत्या किए जाने की जांच शुरू कराई है और शुरुआती रिपोर्ट में उसकी बर्खास्तगी का उसकी मौत से कोई संबंध नजर नहीं आता। परिवहन मंत्री ने बृहस्पतिवार को पीटीआई- से बातचीत में कहा कि उन्होंने मैनपुरी में कथित रूप से नौकरी से बर्खास्त किए जाने से परेशान रोडवेज बस परिचालक मोहित यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले की जांच शुरू करवाई है और जो प्राथमिक रिपोर्ट मिली है, उससे ऐसा लगता है कि उसकी मौत का उसकी बर्खास्तगी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने बताया कि यादव द्वारा इसी साल जून में बरेली से कौशांबी जा रही बस में ड्यूटी के दौरान वाहन रोक कर यात्रियों को नमाज पढ़वाए जाने की शिकायत कुछ यात्रियों ने एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) पर की थी जिसके बाद जांच में दोषी पाए जाने पर यादव की सेवा समाप्त कर दी गई थी।

उन्होंने कहा कि इससे पहले 2016 में भी अनुशासनहीनता के एक मामले में उसे बर्खास्त किया जा चुका था लेकिन अनुरोध करने पर बाद में उसे बहाल कर दिया गया था। मंत्री ने बताया कि विभाग में एक व्यवस्था है जिसके तहत बर्खास्त कर्मी खुद को बहाल किए जाने की अपील कर सकता है लेकिन प्राथमिक जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि यादव ने इस साल जून में बर्खास्त किए जाने के बाद अपनी बहाली के लिए कोई अर्जी नहीं दी थी। उन्होंने बताया कि इससे उसकी मौत का उसकी बर्खास्त की से कोई संबंध नजर नहीं आता। सिंह ने कहा, अगर यादव ने अपनी बर्खास्तगी को लेकर कोई शिकायत की होती या कोई सुसाइड नोट लिखा होता जिसमें उसने आत्महत्या के लिए विभाग को दोषी माना होता तो कहा जा सकता है कि उसने बर्खास्तगी से दुखी होकर आत्महत्या की। प्राथमिक जांच रिपोर्ट में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है। उन्होंने बताया कि अभी मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। इसी साल तीन जून को दो मुस्लिम यात्रियों को कथित रूप से नमाज पढ़ने देने के लिये रोडवेज बस रोकने का वीडियो वायरल होने के बाद बर्खास्त किये गये संविदा परिचालक मोहित यादव (30) का शव पिछले रविवार को संदिग्ध हालात में मैनपुरी के घिरोर क्षेत्र में ट्रेन की पटरी पर पाया गया था।

परिजन का आरोप है कि नौकरी से बर्खास्त किये जाने के बाद से मोहित यादव काफी अवसाद में था और आशंका है कि इसी से तंग आकर उसने ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली। इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोहित यादव के परिजन से मुलाकात कर उन्हें हर तरह से मदद का आश्वासन दिया। यादव ने आज एक्स पर एक पोस्ट में कहा, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम से निलंबन के सदमे के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर हुए मोहित यादव के परिजनों से मिलकर उनका दुख बांटा और हर हालत में उनके साथ खड़े रहने और हर तरह से मदद करने का सच्चा आश्वासन दिया। उन्होंने इसी पोस्ट में कहा, इस बारे में बस इतना और कहना है कि भाजपा के नेता, उसके कार्यकर्ता, समर्थक और मतदाता इतना बताएं कि क्या यह सब जायज है? इतनी घृणा दिलों में रखने से भाजपाई क्या खुद को बीमार नहीं कर रहे हैं? अगर किसी के दुख से भाजपाइयों को सुख मिल रहा है तो यह आदत एक दिन भाजपाइयों को अपनों से भी दूर कर देगी। भाजपाई बीमार न बनें, समझदार बनें।

मोहित के छोटे भाई रोहित ने पीटीआई- को बताया कि उसका भाई इसी साल तीन जून को बरेली से कौशांबी जा रही एक बस पर परिचालक की ड्यूटी कर रहा था तथा उसे एक वीडियो वायरल होने के बाद बर्खास्त कर दिया गया था। मोहित पर आरोप था कि उसने कुछ यात्रियों को नमाज पढ़ने देने के लिये रास्ते में बस रोकी थी। रोहित के मुताबिक उसका भाई अपनी बर्खास्तगी के बाद से अवसाद में था और आशंका है कि उसने इसी से परेशान होकर कोसमा स्टेशन से गुजर रही कालिंद्री एक्सप्रेस से कटकर आत्महत्या कर ली। इस बीच, मोहित यादव का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह बता रहा है कि वह बरेली से कौशांबी जा रही बस में ड्यूटी पर तैनात था। बस में यात्री कम थे। रास्ते में दो मुस्लिम यात्री बस पर चढ़े और उससे गुजारिश की कि वह उन्हें नमाज पढ़ने देने के लिये रास्ते में कहीं बस रोक दे। रामपुर जिले में तीन यात्रियों ने लघुशंका निवारण के लिये बस रुकवायी तो उसने मुस्लिम यात्रियों से कहा कि बस रुकी है तो इतनी देर में वे भी नमाज पढ़कर आ जाएं। मोहित वीडियो में कह रहा है कि इस बीच बस में बैठे किसी यात्री ने नमाज पढ़ रहे मुसाफिरों का वीडियो बनाकर उसे वायरल कर दिया।इसका संज्ञान लेते हुए रोडवेज के वरिष्ठ अधिकारियों ने उसे बर्खास्त कर दिया। बहरहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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