किसी बड़ी साजिश के फिराक में तो नहीं है पाक? बॉर्डर पर मिला 'जासूस' कबूतर

Spy pigeon
अंकित सिंह । May 26 2020 4:09PM

कठुआ के एसएसपी शैलेंद्र मिश्र ने बताया कि कुछ स्थानीय लोगों ने एक संदिग्ध कबूतर को भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के पास उड़ते हुए देखा। इसके बाद उन लोगों ने इस कबूतर को पकड़ा और पुलिस को इसकी सूचना दी। शैलेंद्र मिश्र ने बताया कि कबूतर के पैरों में रिंग थी।

कोरोनावायरस संकट के बीच पाकिस्तान ने अपनी नापाक हरकतों को जारी रखा है। इसी कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत को चौकस रहना पड़ रहा है। जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक कबूतर पकड़ा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह कबूतर जासूसी करता है। इस कबूतर को पाकिस्तान में प्रशिक्षित किया गया है। दरअसल इस कबूतर के पैरों में एक कोडिंग वाली रिंग पड़ी मिली। इसलिए भारत के इस शक को और भी ज्यादा बल मिला कि कहीं इस कबूतर के पीछे पाकिस्तान की चाल तो नहीं है? फिलहाल कबूतर को पकड़कर पिंजरे में बंद कर दिया गया है और सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच भी शुरू कर चुकी हैं।

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कठुआ के एसएसपी शैलेंद्र मिश्र ने बताया कि कुछ स्थानीय लोगों ने एक संदिग्ध कबूतर को भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के पास उड़ते हुए देखा। इसके बाद उन लोगों ने इस कबूतर को पकड़ा और पुलिस को इसकी सूचना दी। शैलेंद्र मिश्र ने बताया कि कबूतर के पैरों में रिंग थी। उसके पंखों पर लाल रंग के निशान लगे हुए थे। रिंग के बारे में अधिक जानकारी देते हुए एसएसपी ने बताया कि रिंग पर कुछ नंबर कोडिंग की गई थी जो फिलहाल समझ में नहीं आ रहा है। रिंग पर नंबर लिखा हुआ है लेकिन इस नंबर का क्या मतलब है यह पता नहीं लग पा रहा है। कबूतर कहां से उड़ कर आया है और क्यों आया है, इसकी भी जांच की जा रही है।

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कबूतर जहां मिला वह इलाका हीरानगर मनिहारी के नाम से जाना जाता है। यह इलाका भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर से लगता है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान कबूतर के जरिए जासूसी  कर रहा है। इसके पहले भी वह भारत के बॉर्डर में गैरकानूनी तरीके से ड्रोन, गुब्बारे आदि का इस्तेमाल करता रहा है। पाकिस्तान की इन कोशिशों के पीछे बस एक ही मंशा होती है कि भारतीय सीमा की जासूसी कराओ। इससे पहले पिछले सितंबर में भी राजस्थान के बीकानेर में पाकिस्तान से सटे अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सुरक्षा एजेंसियों ने भी एक कबूतर को पकड़ा था।

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दुनिया में बहुत से देश कबूतर को ही जासूसी के लिए इस्तेमाल करते हैं। पर ऐसा क्यों किया जाता है इसके बारे में आपको बताते हैं। कबूतर एकमात्र ऐसा पक्षी है जो हर हाल में अपने मालिक के पास लौट कर आता है। यही कारण है कि इन्हें होमिंग पिजन भी कहते हैं। दरअसल कबूतर बाकी पंछियों की तुलना में काफी समझदार और घरेलू होते हैं। इसलिए उन्हें प्रशिक्षण देने में आसानी होती है। पुराने समय में हम यह सुनते हैं कि कबूतर का इस्तेमाल चिट्ठियों के आदान-प्रदान के लिए खूब किया जाता था। कुछ गाने भी हमें यही बताते हैं।

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