Punjab में ISI समर्थित मॉड्यूल का पर्दाफाश, पुलिस ने 10 संदिग्धों को पकड़ा, ग्रेनेड अटैक की थी प्लानिंग

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अभिनय आकाश । Nov 14 2025 7:45AM

अधिकारियों ने बताया कि यह समूह पाकिस्तान स्थित आकाओं के संपर्क में था, जिन्होंने उन्हें लुधियाना के भीड़भाड़ वाले इलाके में अशांति फैलाने के लिए ग्रेनेड हमला करने का निर्देश दिया था।

पंजाब पुलिस ने कहा कि उसने पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) द्वारा कथित रूप से समर्थित एक ग्रेनेड हमले के मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है और इस साजिश से जुड़े 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि यह समूह पाकिस्तान स्थित आकाओं के संपर्क में था, जिन्होंने उन्हें लुधियाना के भीड़भाड़ वाले इलाके में अशांति फैलाने के लिए ग्रेनेड हमला करने का निर्देश दिया था।

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पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया कि तीनों मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह, शेखर सिंह और अजय सिंह उर्फ ​​अजय श्री मुक्तसर साहिब के रहने वाले हैं। पुलिस ने उनके पास से एक चीन निर्मित हैंड ग्रेनेड बरामद किया है। जाँचकर्ताओं के अनुसार, तीनों को विदेशी आकाओं के ज़रिए निर्देश मिल रहे थे। सात अन्य - अमरीक सिंह, परमिंदर उर्फ ​​चिरी, विजय, सुखजीत सिंह उर्फ ​​सुख बराड़, सुखविंदर सिंह, करणवीर सिंह उर्फ ​​विक्की और साजन कुमार उर्फ ​​संजू - को ऑपरेशन में कूरियर और सुविधाकर्ता के रूप में उनकी कथित भूमिका के लिए विभिन्न जेलों से पेश किया गया।

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शुरुआती जांच से पता चलता है कि नेटवर्क मलेशिया स्थित तीन गुर्गों के ज़रिए पाकिस्तान स्थित संचालकों के संपर्क में रहा और ग्रेनेड उठाने और उसकी आवाजाही में समन्वय बनाए रखा। डीजीपी यादव ने कहा, "संचालकों ने उन्हें राज्य को अस्थिर करने के लिए आबादी वाले इलाके में ग्रेनेड हमला करने का काम सौंपा था।" उन्होंने आगे कहा कि जाँचकर्ता व्यापक आपूर्ति श्रृंखला और सहायता नेटवर्क की जाँच कर रहे हैं।

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लुधियाना के पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा ने बताया कि मामले की शुरुआत विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर हुई, जिसके बाद जोधेवाल थाने में तीनों मुख्य संदिग्धों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद त्वरित कार्रवाई के लिए विशेष टीमें गठित की गईं, जिसके बाद गिरफ्तारियां हुईं। उन्होंने कहा कि जांच में जल्द ही मलेशिया स्थित मास्टरमाइंड अजय उर्फ ​​अजय मलेशिया, जस बेहबल और पवनदीप का पता चला, जो कथित तौर पर स्थानीय संपर्क अमरीक सिंह और परमिंदर के साथ समन्वय कर रहे थे, दोनों ने पहले ड्रग-तस्करी के संचालन में उनके साथ काम किया था।

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