Jan Gan Man: क्यों नहीं हो रहा देश की समस्याओं का समाधान, कैसे मिटेंगे गुलामी के निशान

जनता जिन नेताओं को अपने समाधान के निवारण के लिए चुनकर विधायक या सांसद बनाती हैं, वह भी समस्या बताने लगते हैं। लेकिन निवारण का उपाय उनके पास नहीं होता। देश में पुलिस रिफॉर्म, शिक्षा रिफॉर्म, पुराने कानून को खत्म करने की मांग लगातार उठती रहती है।
प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम जन गण मन में इस सप्ताह हमने देश की उन समस्याओं को उठाने की कोशिश की जिनकी चर्चा तो खूब होती है, लेकिन इसे कैसे खत्म किया जाए, इसको कोई नहीं बताता है। देश में ऐसे कई समस्याएं हैं जिनको समय-समय पर खत्म करने की मांग उठती रही है लेकिन अब तक सरकार की ओर से भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। हर पार्टी की ओर से दावे तो बहुत किए जाते हैं लेकिन जैसे ही वे सत्ता में आते हैं तो कहीं ना कहीं अपने वादों को भूल जाते हैं। जनता जिन नेताओं को अपने समाधान के निवारण के लिए चुनकर विधायक या सांसद बनाती हैं, वह भी समस्या बताने लगते हैं। लेकिन निवारण का उपाय उनके पास नहीं होता। देश में पुलिस रिफॉर्म, शिक्षा रिफॉर्म, पुराने कानून को खत्म करने की मांग लगातार उठती रहती है। इसी को लेकर देश के प्रसिद्ध अधिवक्ता और भारत के पीआईएल मैन के रूप में विख्यात अश्विनी उपाध्याय ने अपनी बात रखी है, सुनते हैं।
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अश्विनी उपाध्याय ने अपने वक्तव्य की शुरुआत में कहा कि हम उन पाखंडियों की बात करने वाले हैं, जो सुबह से लेकर शाम तक समस्या तो बताते हैं लेकिन समाधान नहीं बताते। उन्होंने कहा कि भारत की 80% समस्याओं का समाधान हो सकता है घटिया कानून को बदलकर, टैक्स रिफॉर्म करके, पुलिस रिफॉर्म करके, एजुकेशन रिफॉर्म करके, इलेक्शन रिफॉर्म करके। उन्होंने कहा कि नेता और उनके साथ वाले सुबह से लेकर शाम तक समस्या बताते रहेंगे लेकिन उसका मूल कारण नहीं बताएंगे। उन्होंने कहा कि अगर भारत के अंदर जस्टिस इन ईयर लागू हो जाए तो देश से कई समस्याएं खत्म हो जाएंगी। भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा। लोगों को जल्द से जल्द न्याय मिलने लगेगा। उन्होंने कहा कि इसके लागू होने के साथ ही देश से कई सारे अपराध और तस्करी अपने आप खत्म हो जाएंगे।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि यह जो सिर्फ बातें करते हैं वह कभी भी इन घटिया कानून को बदलने की बात नहीं करते। यह किसी भी रिफॉर्म की बात नहीं करते। यह कभी भी इस बात पर जोर नहीं देते कि ब्रिटिश जमाने का पुलिस एक्ट बदल दीजिए और नए एक्ट लागू कीजिए। उन्होंने दावा किया कि आज भी भारत में गुलामी का नाम और गुलामी का निशान चल रहा है। ऐसे कई व्यवस्थाएं हैं जो आज भी गुलामी का प्रतीक बने हुए हैं और निरंतर जारी है। उन्होंने नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दुनिया भर की बात करने वाले यह कभी नहीं कहते कि गुलामी का निशान खत्म करो।
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अश्विनी उपाध्याय ने भारत में वैदिक शिक्षा की वकालत की। उन्होंने कहा कि आज भी भारत में तीन तरह का एजुकेशन सिस्टम चल रहा है। उन्होंने कहा कि सीबीएसई बोर्ड पूरी तरीके से मैकाले पर आधारित है। आईसीएसई बोर्ड मिशनरियों की शिक्षा व्यवस्था को आगे बढ़ा रहा और तीसरा मदरसा शिक्षा व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल हो गए। लेकिन जो समस्याएं नेहरू जी के समय में थी, वही इंदिरा जी के समय में, वही अटल जी के समय में थी, वही मनमोहन सिंह जी के समय में थी। उन्होंने कहा की समस्याएं कभी खत्म नहीं होंगी। घूसखोरी, कमीशनखोरी, दलाली पहले भी थी और आज भी है और इससे परेशान आम जनता होती है।
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