जयंत चौधरी ने राहुल गांधी को लेकर हिमंत बिस्वा सरमा के बयान पर जताई नाराजगी, पलटवार करते हुए बोले- समय-समय पर भाजपा नेताओं को दातुन से धोना चाहिए मुंह
उत्तराखंड की एक सभा को संबोधित करते हुए सरमा ने कहा कि इन लोगों की मानसिकता देखिए। जनरल बिपिन रावत देश का गौरव थे। भारत ने उनके नेतृत्व में पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा। क्या हमने कभी आपसे सबूत मांगा की आप राजीव गांधी के बेटे हैं या नहीं?
राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के मुखिया जयंत चौधरी ने रविवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर जमकर हमला बोला। राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया ने हिमंत बिस्वा सरमा पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कहा कि असम के सीएम ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और कहा कि भाजपा नेताओं को समय-समय पर दातुन से मुंह धोना चाहिए।
जयंत चौधरी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि असम के मुख्यमंत्री ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। समय-समय पर भाजपा नेताओं को दातुन से मुंह तो धो लेना चाहिए। आपको बता दें इससे पहले सरमा ने 2016 और 2019 में क्रमशः भारत की सर्जिकल स्ट्राइक और पाकिस्तान पर किए गए हवाई हमले के सबूत मांगने के लिए कांग्रेसी नेता राहुल गांधी पर हमला बोला था। शर्मा ने पूछा था कि क्या भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कभी उनसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे होने का सबूत मांगा।
उत्तराखंड की एक सभा को संबोधित करते हुए सरमा ने कहा कि इन लोगों की मानसिकता देखिए। जनरल बिपिन रावत देश का गौरव थे। भारत ने उनके नेतृत्व में पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा। क्या हमने कभी आपसे सबूत मांगा की आप राजीव गांधी के बेटे हैं या नहीं? आपको मेरी सेना से सबूत मांगने के क्या अधिकार हैं। असम के मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि एक बार सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक की बात कह दी गई, इसके बाद इसकी वैधता पर कोई विवाद नहीं है।
सरमा की इस टिप्पणी पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव समेत विपक्षी नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। विपक्षी नेताओं ने सरमा से इस्तीफे की मांग की। एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा पीएम मोदी जी क्या यह संस्कार है, या फिर हमारा हिंदू अनुष्ठान, जो एक सांसद से उसके पिता के बारे में सवाल करता है। ऐसा आपके एक मुख्यमंत्री ने किया है। मेरा सिर झुका हुआ है। मैं यह सुनकर लज्जित हुआ हूं और मेरी आंखों से आंसू आ गए। यह देश के लिए अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री इस तरह कैसे बात कर सकते हैं? धैर्य रखने की भी एक सीमा होती है।
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